सम्पूर्ण ग्रामीण रोजगार योजना (SGRY) में बड़े स्तर पर हुई वित्तीय अनियमितताओं के मामले में सीबीआई न्यायालय, लखनऊ ने सख्त रुख अपनाया है। कोर्ट ने सरकारी खजाने को एक करोड़ रुपए से अधिक का नुकसान पहुंचाने के दोषी पाए जाने पर डीआरडीए बलिया के तत्कालीन मुख्य वित्त एवं लेखा अधिकारी सहित तीन आरोपियों को पांच वर्ष के कठोर कारावास की सजा सुनाई है। इसके साथ ही तीनों दोषियों पर कुल 77 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है। सीबीआई न्यायालय, लखनऊ ने 20 दिसंबर को अपना फैसला सुनाते हुए सत्येन्द्र सिंह गंगवार (तत्कालीन मुख्य वित्त एवं लेखा अधिकारी, डीआरडीए बलिया), अशोक कुमार उपाध्याय (तत्कालीन कनिष्ठ लेखा लिपिक, डीआरडीए बलिया) और रघुनाथ यादव (निजी व्यक्ति) को दोषी करार दिया। कोर्ट ने तीनों को पांच वर्ष के कठोर कारावास (RI) और अर्थदंड से दंडित किया। सरकारी धन और खाद्यान्न में हुई थी हेराफेरी मामला सम्पूर्ण ग्रामीण रोजगार योजना (SGRY) के अंतर्गत हुए घोटाले से जुड़ा है। जांच में सामने आया कि आरोपियों ने योजना के तहत ₹75,12,190 नकद और लगभग ₹31.10 लाख मूल्य के खाद्यान्न में गड़बड़ी कर सरकारी खजाने को भारी नुकसान पहुंचाया। आरोपियों पर धोखाधड़ी, धोखाधड़ी के उद्देश्य से जालसाजी, जाली दस्तावेजों को असली के रूप में इस्तेमाल करने और सरकारी अभिलेखों के लोप के आरोप साबित हुए। 2008 में सीबीआई ने अपने हाथ में लिया था केस यह मामला मूल रूप से 31 अक्टूबर 2008 को थाना गुरुवार, जनपद बलिया में अपराध संख्या 49बी/2006 (ईओडब्ल्यू संख्या 244/06) के तहत दर्ज किया गया था। बाद में सीबीआई ने इस मामले को अपने हाथ में लेते हुए 135 आरोपियों से जुड़े पूरे प्रकरण की जांच शुरू की थी। 2010 में दाखिल हुआ था चार्जशीट विस्तृत जांच के बाद सीबीआई ने 30 जून 2010 को सत्येन्द्र सिंह गंगवार, अशोक कुमार उपाध्याय और रघुनाथ यादव के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया था। लंबे समय तक चले ट्रायल के बाद कोर्ट ने सभी तथ्यों और साक्ष्यों के आधार पर आरोपियों को दोषी मानते हुए सजा सुनाई।
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