SGPGI में अब एडवांस ट्रीटमेंट की तैयारी है। जिसमें ट्यूमर का इलाज बिना सर्जरी के होगा, डिजिटल पैथालॉजी की शुरूआत होगी। वहीं संस्थान के सभी विभागों का संचालन एआई आधारित करने पर विचार चल रहा है। यह जानकारी एसजीपीजीआई के निदेशक प्रो.आरके.धीमन ने शुक्रवार को 6वें शोध दिवस पर आयोजित पत्रकार वार्ता के दौरान दी है। निदेशक प्रो.आरके.धीमन ने बताया कि ट्यूमर का इलाज विशेषकर ब्रेन ट्यूमर का इलाज आने वाले समय में गामा नाइफ तकनीक के जरिये करने की तैयारी की जा रही है। इस तकनीक से मरीज के ट्यूमर का इलाज सर्जरी से नहीं होगा बल्कि रेडियोथेरेपी के जरिये ट्यूमर को खत्म किया जायेगा। इसके अलावा उन्होंने आने वाले समय में पीजीआई के सभी विभागों का काम AI आधारित करने की बात भी बताई है। संस्थान ने तैयार किया हैं विजन प्रो.आरके.धीमन ने कहा कि SGPGI में प्रदेश से ही नहीं बल्कि बाहर से भी मरीज इलाज कराने पहुंचते हैं। इसके पीछे की वजह यहां को गुणापूर्ण इलाज है। इसके अलावा उन्होंने बताया कि हमारी जिम्मेदारी SGPGI के साथ उत्तर प्रदेश में स्थित करीब 44 मेडिकल कॉलेजों में भी टेलीमेडिसिन के जरिये बेहतर इलाज की व्यवस्था सुनिश्चित करना है। इसी विजन के साथ काम हो भी रहा है। यही वजह है कि आने वाले समय में यहां पर डिजिटल पैथालॉजी स्कैनर की शुरूआत की जानी है। जिससे जांच के डेटा को दूनिया के किसी भी हिस्से में साझा करने में आसानी होगी, यह ऐसी तकनीक है जिससे स्लाइड से ही पूरी जानकारी स्कैन होकर कंप्यूटर पर आ जायेगी। इस दौरान डीन प्रो.शालीन कुमार, डॉ. विनीता अग्रवाल मौजूद रहीं। गामा नाइफ की हैं ये खूबी गामा नाइफ एक अत्याधुनिक रेडियोथेरेपी तकनीक है, जिसके जरिये मस्तिष्क, सिर और गर्दन में ट्यूमर व अन्य समस्याओं का इलाज किया जाता है, इस तकनीक में कोई चीरा नहीं लगाया जाता, बल्कि गामा किरणों को अत्यधिक सटीकता से एक छोटे से लक्षित क्षेत्र पर केंद्रित किया जाता है, इससे आसपास के स्वस्थ ऊतकों को नुकसान नहीं पहुंचता, साथ ही असामान्य कोशिकाओं को नष्ट किया जाता है, जिससे उनकी वृद्धि रोकी जा सके।
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