कुशीनगर से गुजरने वाले नेशनल हाईवे 28 पर दिल्ली से बिहार जाने वाली बसें लगातार सुरक्षा नियमों का उल्लंघन कर रही हैं। ये बसें तेज रफ्तार और भारी ओवरलोडिंग के साथ चलती हैं, जिससे सड़क दुर्घटनाओं का खतरा बढ़ गया है। पिछले कुछ समय में ऐसी कई दुर्घटनाएं सामने आई हैं, लेकिन जिम्मेदार विभाग इस पर ध्यान नहीं दे रहे हैं। हाल ही में एक स्थानीय व्यक्ति द्वारा बनाया गया एक वीडियो सामने आया है। इसमें नेशनल हाईवे 28 पर एक तेज रफ्तार और अनियंत्रित बस एक चार पहिया वाहन से टकराने से बाल-बाल बची। वीडियो बनाने वाले यात्रियों ने बताया कि बस इतनी तेज और बेकाबू थी कि वे लोग मुश्किल से बचे। यात्रियों ने टोल प्लाजा पर पहुंचकर बस को रुकवाया। जांच में पाया गया कि बस में क्षमता से अधिक यात्री भरे हुए थे। जब बस का वजन कराया गया, तो वह 26.53 टन निकला, जबकि नियमानुसार इसका अधिकतम वजन 19.25 टन होना चाहिए। इस तरह बस कुल साढ़े सात टन ओवरलोड थी। टोल प्लाजा पर ओवरलोडिंग के लिए बस का जुर्माना काटा गया। सूचना मिलने पर बस संचालकों से जुड़े गिरोह के सदस्य टोल पर पहुंच गए और स्थानीय स्तर पर मामले को ‘मैनेज’ कर बस को बिहार ले गए। यह सवाल उठता है कि इन यात्री बसों का उपयोग मालवाहक वाहनों की तरह क्यों किया जा रहा है और इनके संचालन पर अंकुश क्यों नहीं लगाया जा रहा है। जानकारों का कहना है कि टोल पर ओवरलोड का जुर्माना कटने पर इसकी रिपोर्ट परिवहन विभाग को भेजी जाती है, जिसके आधार पर विभाग ऑनलाइन चालान काटता है। हालांकि, इस मामले में कथित मिलीभगत के चलते नियमों का पालन नहीं हो रहा है। जिला प्रशासन को इस बात की जांच करनी चाहिए कि टोल प्लाजा द्वारा कितने ओवरलोड बसों की रिपोर्ट आरटीओ को भेजी गई है। इस संबंध में कुशीनगर के एआरटीओ मो. अजीम से संपर्क करने का प्रयास किया गया, लेकिन उनका फोन रिसीव नहीं हुआ।
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