लखनऊ के गोमती नगर के विराज खंड में वरिष्ठ नागरिकों के लिए तैयार की जा रही सेकेंड इनिंग होम्स योजना रद्द हो गई है। एलडीए ने 2023 की बोर्ड बैठक में जिस महत्वाकांक्षी परियोजना को हरी झंडी दी थी, वही योजना दो साल बाद हाईटेंशन लाइन की बाधा के कारण पूरी तरह समाप्त कर दी गई। अब एलडीए ने निर्णय लिया है कि जिस प्लॉट पर यह आवासीय परियोजना बननी थी, उसे बेचा जाएगा। एलडीए ने कुछ समय पहले ड्रोन सर्वे कराकर वाॅटर बाॅडी के पास स्थित 2500 वर्गमीटर का वह प्लॉट चिन्हित किया था, जहां सात मंजिला सेकेंड इनिंग होम्स बनाने की तैयारी थी। लेकिन जांच के दौरान पता चला कि प्लॉट के ठीक ऊपर से हाईटेंशन तार गुजर रहे हैं। सुरक्षा नियमों के अनुसार ऐसी जगह पर बहुमंजिला इमारत खड़ी करना संभव नहीं है। तकनीकी जोखिम का हवाला देते हुए एलडीए ने परियोजना को आगे बढ़ाने से इनकार कर दिया। बोर्ड बैठक में इस प्रस्ताव को आधिकारिक रूप से निरस्त कर दिया गया। क्या बनने वाला था इस प्लॉट पर? रद्द की गई परियोजना वरिष्ठ नागरिकों के लिए विशेष रूप से डिजाइन की गई थी। योजना के अनुसार सात मंजिला इमारत में हर फ्लोर पर 400 वर्गफुट के 8 स्टूडियो फ्लैट बनाए जाने थे। फ्लैट्स को इस तरह डिजाइन किया जाना था कि बालकनी, ड्रेसिंग रूम और बाथरूम में अधिक स्पेस मिले। परिसर में क्लब हाउस, जिम, योगा/मेडिटेशन सेंटर, फिजियोथेरेपी सेंटर, कम्यूनिटी किचन, बड़ा लॉन और स्विमिंग पूल भी तैयार किया जाना था। वरिष्ठ नागरिकों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए परिसर में स्थायी एम्बुलेंस की सुविधा अनिवार्य की गई थी। यह फ्लैट 60 वर्ष और उससे अधिक आयु के लोगों को लीज पर दिए जाने थे। एलडीए ने इन्हें फ्री-होल्ड न करने का निर्णय लिया था। तकनीकी बाधाओं और सुरक्षा मानकों के चलते एलडीए ने पूरी योजना ही खत्म कर दी। नई बोर्ड बैठक में प्लॉट को बाजार में बेचने का प्रस्ताव पास कर दिया गया है। दो साल की योजना, भारी उम्मीदें और विस्तृत तैयारी हाईटेंशन लाइन की वजह से खत्म हो गई, और अब विराज खंड का यह प्लॉट सेकेंड इनिंग होम्स के बजाय बिक्री के लिए उपलब्ध होगा।
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