दीन दयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के स्टूडेंट्स ने नेशनल लेवल पर उपलब्धि हासिल की है। मैथमेटिक्स डिपार्टमेंट के पांच स्टूडेंट्स इसरो की ओर से आयोजित ‘अखिल भारतीय तकनीकी सम्मेलन–2025’ में हिस्सा लेंगे। गणित और सांख्यिकी विभाग के प्रोफेसर डॉ. राजेश कुमार के निर्देशन में इन स्टूडेंट्स के ‘अंतरिक्ष-संबंधी शोध-पत्रो’ का चयन किया गया है। चयनित विद्यार्थियों में प्रियांश यादव, विजय कुमार, तन्वी राव, अंकिता मौर्या और अमन मौर्या शामिल हैं। 05-06 फरवरी 2026 को बैंगलोर में इसरो के U.R. Rao. उपग्रह केंद्र में यह सम्मेलन आयोजित किया जाएगा। जहां अपने शोध-पत्र प्रस्तुत करने के लिए चयनित छात्रों को आमंत्रित किया गया है। राष्ट्रीय स्तर के इस सम्मेलन में देश के विभिन्न संस्थानों के विद्यार्थियों में गोरखपुर विश्वविद्यालय के सर्वाधिक (पांच) विद्यार्थियों का चयन हुआ है। यह उपलब्धि छात्रों की शोध क्षमता, शैक्षणिक गुणवत्ता और मार्गदर्शक शिक्षकों के निर्देशन का रिजल्ट बताया जा रहा है। तकनीकी सेशन से दी जाएगी जानकारी
सम्मेलन में हिस्सा लेने वाले चयनित छात्रों को 03 दिन के लिए रहने-खाने और यात्रा-भत्ता इसरो की तरफ से दिया जाएगा। इसके अलावा इसरो की विभिन्न प्रयोगशालाओं और उपग्रह केंद्रों को घूमने का मौका मिलेगा। छात्रों को तकनीकी सेशन, वैज्ञानिक प्रस्तुतियों और इंटरैक्टिव चर्चाओं में भाग लेने का अवसर भी मिलेगा। साथ ही इसरो जैसी विश्व विख्यात अंतरिक्ष संस्थान के वैज्ञानिकों से मिलने और उनसे नयी-नयी विज्ञान-संबंधी जानकारी प्राप्त होगी। तैयारी में जुटे छात्र
वर्तमान में पांचों चयनित विद्यार्थी अपने शोध-पत्र प्रस्तुतीकरण संबंधी शोध-विधि, संरचना और वैज्ञानिक लेखन कार्य अपने मेंटर डॉ. राजेश कुमार के मार्गदर्शन में तैयारी कर रहे हैं। विश्वविद्यालय के लिए अत्यंत गौरव का विषय
कुलपति प्रोफेसर पूनम टण्डन ने चयनित छात्रों को बधाई देते हुए कहा कि इसरो जैसे विश्व विख्यात संस्थान के सम्मेलन में हमारे छात्रों का चयन होना, विभाग की शैक्षणिक उत्कृष्टता और छात्रों की शोध क्षमता का प्रमाण है। यह उपलब्धि हमारे विश्वविद्यालय के लिए अत्यंत गौरव का विषय है। मैं चयनित विद्यार्थियों के उज्ज्वल भविष्य की कामना करते हुए उम्मीद करती हूं कि वो इस सम्मेलन में अच्छा प्रदर्शन कर विश्विद्यालय को गौरवान्वित करेंगे। वहीं गणित और सांख्यिकी विभागाध्यक्ष प्रोफेसर उमा श्रीवास्तव व विभाग के अन्य शिक्षकों ने कहा कि डॉ. राजेश कुमार की ओर से दिए गए निर्देशन और सहयोग ने छात्रों को अंतरिक्ष विज्ञान के उभरते क्षेत्रों में उच्चस्तरीय शोध करने के लिए प्रेरित किया और यह अनुभव उनके भविष्य के शैक्षणिक और पेशेवर जीवन में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर सिद्ध होगा।
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