बरेली। डिजिटल इंडिया के तहत पुलिसिंग को हाई-टेक बनाने की दिशा में आईपीएस अंशिका वर्मा ने महत्वपूर्ण योगदान दिया है। बरेली में एसपी साउथ के पद पर तैनात अंशिका वर्मा ने एक ऐसा इनोवेटिव सिस्टम विकसित किया है, जिसने उत्तर प्रदेश सहित पूरे देश के पुलिस विभाग को नई दिशा दी है। लखनऊ में आयोजित तीन दिवसीय आईपीएस मीट में उनके डायनेमिक ड्यूटी मैनेजमेंट सिस्टम (DDMS) ऐप ने वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को प्रभावित किया। यह सिस्टम पारंपरिक ड्यूटी आवंटन और जमीनी निगरानी के तरीकों को बदलकर पुलिसिंग के लिए एक डिजिटल कमांडर के रूप में उभरा है। इस उपलब्धि के लिए एडीजी जोन राजीव कृष्ण ने उन्हें सम्मानित भी किया। यह तकनीकी सोच वर्ष 2021 में आगरा में उनकी पोस्टिंग के दौरान विकसित हुई थी और अब इसके परिणाम जमीन पर दिखाई दे रहे हैं। बरेली में दरगाह आला हजरत के उर्स और गंगा महारानी शोभायात्रा जैसे बड़े आयोजनों में DDMS ने अपनी उपयोगिता साबित की है। DDMS ऐप के माध्यम से हर ड्यूटी पॉइंट की रियल-टाइम निगरानी संभव है। यह लोकेशन-आधारित उपस्थिति दर्ज करता है और आपातकाल की स्थिति में एक क्लिक पर अलर्ट जारी कर फोर्स को तुरंत कार्रवाई के लिए तैयार करता है। इससे ड्यूटी प्लानिंग में पारदर्शिता आती है और भ्रम की स्थिति समाप्त होती है। इस सिस्टम की सबसे बड़ी खूबी यह है कि यह मैदान में मौजूद हर पुलिसकर्मी की लाइव लोकेशन दिखाता है। भीड़ प्रबंधन से लेकर त्वरित बैकअप तक, सभी जानकारी एक ही स्क्रीन पर उपलब्ध होती है। इससे किसी भी संकट में आदेशों का पालन तुरंत होता है और पूरी टीम एक्शन मोड में आ जाती है। एक टेक-लीडर के रूप में अंशिका वर्मा का लक्ष्य पुलिसिंग में पारदर्शी तकनीक का अधिकतम उपयोग करना है, ताकि हर आम नागरिक खुद को अधिक सुरक्षित महसूस कर सके। DDMS को अब विभिन्न जनपदों और केंद्रीय फोर्सेज में भी लागू करने की तैयारी चल रही है। इससे जल्द ही भारत की पुलिस डेटा और एआई से लैस एक “स्मार्ट फोर्स” के रूप में कार्य करती दिखाई देगी।
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