मध्य प्रदेश के वरिष्ठ आईएएस अधिकारी संतोष वर्मा के खिलाफ देवरिया की अदालत में एक वाद दायर किया गया है। यह वाद आरक्षण को लेकर ब्राह्मण समाज पर की गई उनकी कथित आपत्तिजनक टिप्पणी से संबंधित है। अधिकारी पर मानहानि, देशद्रोह, वर्ग विद्वेष फैलाने और समाज में अशांति उत्पन्न करने के गंभीर आरोप लगाए गए हैं। यह वाद शहर के सिंधी मिल कॉलोनी निवासी कौशल कुमार मिश्रा ने दायर किया है, जो उत्तर प्रदेश सरयू पारीण ब्राह्मण परिषद काशी इकाई के मंत्री हैं। उन्होंने मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (सीजेएम) मंजू कुमारी की अदालत में यह याचिका दाखिल की है। वादी का आरोप है कि आईएएस संतोष वर्मा ने सरकारी सेवा में रहते हुए आरक्षण पर ब्राह्मण समाज के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी की, जिससे समाज के एक वर्ग में गहरा आक्रोश है। कौशल मिश्रा के अनुसार, संतोष वर्मा के बयान से उनकी व्यक्तिगत भावनाएं आहत हुई हैं और उनके परिचितों तथा समाज के अन्य लोगों में भी नाराजगी है। उन्होंने कहा कि यह आचरण न केवल सरकारी आचार संहिता का उल्लंघन है, बल्कि समाज में एक वर्ग विशेष के प्रति वैमनस्य पैदा कर देशद्रोह की स्थिति उत्पन्न करता है। वादी ने अपने वाद में यह भी उल्लेख किया है कि कथित टिप्पणी से उनकी प्रतिष्ठा को ठेस पहुंची है और उन्हें मानसिक कष्ट हुआ है। उनका तर्क है कि किसी भी सरकारी अधिकारी को ऐसा बयान देने का अधिकार नहीं है, जिससे समाज में विभाजन, तनाव या अशांति का माहौल पैदा हो। कौशल मिश्रा ने अदालत से मांग की है कि अधिकारी के खिलाफ मानहानि, देशद्रोह और अन्य संबंधित धाराओं के तहत कार्रवाई की जाए। इस वाद पर अदालत में जल्द ही बयान दर्ज होने की संभावना है।
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