बुलंदशहर में पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) में 50 ग्राहकों के साथ 1.25 करोड़ रुपए की ठगी की गई। पुलिस ने शाखा के पूर्व बैंक मैनेजर और मुख्य साजिशकर्ता बैंक मित्र समेत 6 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। बैंक मित्र ने ग्राहकों के FD के पैसे अपने जानने वालों के खातों में ट्रांसफर करा लिए थे। शाखा प्रबंधक पिंकी रानी ने साइबर थाने में तहरीर दी। केस दर्ज कर साइबर पुलिस ने जांच शुरू की। जांच और साक्ष्यों के आधार पर गुरुवार को मामले का खुलासा करते हुए आरोपियों को गिरफ्तार किया गया। आरोपियों की पहचान बैंक मित्र आकाश कुमार, पूर्व बैंक प्रबंधक अजय कुमार पासवान, सचिन कुमार, रोचित कुमार, निर्भय सिंह माल्या और अनिकेत कुमार के रूप में हुई है। अब पढ़िए पूरा मामला… पुलिस से पूछताछ में मुख्य आरोपी आकाश कुमार ने बताया- वह साल 2022 से पंजाब नेशनल बैंक की क्षेत्रीय श्री गांधी आश्रम शाखा, बुलंदशहर में बैंक मित्र के रूप में काम कर रहा था। उसने सचिन को नौकरी पर रखा था। खुद बैंक के अंदर बैठकर काम करता था। आकाश उन ग्राहकों को निशाना बनाता था, जो उसके माध्यम से फिक्स्ड डिपॉजिट (एफडी) कराने आते थे। मां-बाप और रिश्तेदारों के खाते में डालता था रुपए
आकाश बैंक अधिकारियों के साथ मिलकर ग्राहकों के खातों से एफडी के नाम पर रुपए डेबिट करता था। इन रुपयों को वह अपनी मां पूनम, पिता विजय कुमार, भाई अनिकेत, सचिन, निर्भय माल्या, ताऊ कुंवरपाल और भाई के दोस्त रोचित के खातों में ट्रांसफर कर देता था। लेनदेन में वह ‘एफडीआर (फिक्स्ड डिपॉजिट रसीद) ट्रांसफर’ दिखाता था, ताकि धोखाधड़ी पकड़ी न जाए। आकाश ने यह भी बताया- जिन बैंक अधिकारियों की आईडी का उपयोग एफडीआर बनाने और रुपए ट्रांसफर करने में होता था, उन्हें वह कुछ हिस्सा देता था। पूर्व बैंक मैनेजर अजय पासवान को भी उनके हिस्से के रुपए दिए जाते थे। 100 से ज्यादा बार किया रुपयों का लेनदेन
आरोपियों ने मिलकर 50 बैंक खातों से ग्राहकों को बिना बताए, बिना वाउचर के और 100 से अधिक बार गलत तरीके से धनराशि का लेनदेन कर गबन किया। इतना ही नहीं, बैंक बिल्डिंग का किराया, जनरेटर खर्च और बिजली का बिल जैसे सरकारी पैसा भी बैंक अधिकारियों के साथ आपराधिक षड्यंत्र के तहत इन्हीं खातों में लिया गया था। आरोपियों के पास लैपटॉप समेत कई सामान बरामद
एसपी क्राइम नरेश कुमार ने बताया- शुरुआती जांच के बाद सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया है। साइबर क्राइम पुलिस ने आरोपियों के पास से 1 मोबाइल, 1 सीपीयू, 1 मॉनीटर, 1 की-बोर्ड, 1 माउस, 1 बॉयोमैट्रिक डिवाइस (MORPHO), 1 पासबुक प्रिंटर, 1 लैपटॉप, 1 लैपटॉप चार्जर, 1 डॉटा एडाप्टर (airtel xstream fiber), 7 चैक बुक, केंसिल चैक, 1 चेक, 25 जमा पर्ची, 14 पास बुक, 14 मोहर रबर स्टाम्प, 22 फर्जी एफडी छपी हुई, 1 मिस प्रिट एफडी, 5 आधी अधूरी छपी हुई एफडी, 8 खाली एफडी की कॉपी, 1 लैपटॉप बरामद किया है। ——————————— ये खबर भी पढ़ेंः – कानपुर में 3 पुलिसवालों को रौंदकर 120Km स्पीड से भागे:कार पर नंबर प्लेट नहीं, 7.5km तक ट्रेस हुए बदमाश, फिर लापता कानपुर में गंगा बैराज पर 3 पुलिसवालों को रौंदने वाली कार को पुलिस सिर्फ 7.5Km तक ट्रेस कर सकी। कोठारी चौराहा (बिठूर) तक कार CCTV में दिखी, उसके बाद गायब हो गई। पुलिस के मुताबिक, यहां से कार सिर्फ 3 रूट पर जा सकती है। पहला- कल्याणपुर की तरफ। दूसरा- बिठूर के अंदर। तीसरा- मंधना की तरफ। इस रूट से बदमाश कन्नौज होकर झांसी या औरेया की तरफ जा सकते हैं, या लखनऊ की तरफ भी भागकर आ सकते हैं। पढ़ें पूरी खबर…
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