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ED छापे के डर से छिपाया पैसा-जेवर, हिस्ट्रीशीटर ने चुराया:मेरठ के क्रिमिनल की पत्नी ने इसी पैसे से प्रॉपर्टी खरीदी; अब हाथ नहीं आ रही

देहरादून में डॉक्टर के घर में खड़ी ठेकेदार की कार से करोड़ों रुपए के कैश-जेवरात चोरी हो गए। गाजियाबाद के ठेकेदार को डर था कि उसके पीछे जांच एजेंसियां लगी हैं। कभी भी छापा मार सकती हैं। डर के चलते ठेकेदार ने कैश-जेवरात और बेनामी संपत्तियों के कागजात एक कार में भरे और उन्हें देहरादून में परिचित डॉक्टर के घर पहुंचा दिया। यहां डॉक्टर के परिचित हिस्ट्रीशीटर ने शीशा तोड़कर कार से सारा सामान चुरा लिया। पुलिस का दावा है कि हिस्ट्रीशीटर की पत्नी ने इस पैसे से गाजियाबाद में बेशकीमती प्रॉपर्टी खरीद ली। देहरादून पुलिस अब तक हिस्ट्रीशीटर और उसके साथी को जेल भेज चुकी है। सिर्फ आधा माल रिकवर हुआ है। बाकी आधे माल और बेशकीमती संपत्तियों के दस्तावेजों की रिकवरी के लिए पुलिस पिछले एक महीने से पश्चिमी यूपी में हिस्ट्रीशीटर के साथियों को उठा-उठाकर पूछताछ कर रही है। पढ़िए पूरी रिपोर्ट… सबसे पहले पढ़िए FIR में जो कुछ लिखा देहरादून में डॉक्टर के घर खड़ी कार से हुई चोरी
देहरादून के थाना नेहरू कॉलोनी में 15 सितंबर, 2025 को एक FIR दर्ज हुई। ये FIR डॉ. प्रमोद त्यागी ने कराई। इसमें उन्होंने बताया- मैं अशोक विहार में रहता हूं। 6 सितंबर, 2025 को मुझे अपने मित्र की गाड़ी (UP80EP-2424) से किसी जरूरी काम से जाना था। मैंने घर में उक्त गाड़ी में कैश, जेवरात, कुछ प्रॉपर्टी के कागजात रख दिए थे। अचानक पारिवारिक काम की वजह से मित्र के साथ जाने का प्रोग्राम कैंसिल हो गया। 14 सितंबर की शाम मैं कार से अपना सामान निकालने गया। देखा, तो कार का पीछे वाला शीशा टूटा था। अंदर से सारा सामान चोरी हो चुका था। इस FIR में कोई भी नामजद नहीं था। न ही चोरी हुए सामान की कीमत बताई गई। मेरठ के हिस्ट्रीशीटर समेत 3 गिरफ्तार, पत्नी अभी फरार
देहरादून पुलिस ने जब इस चोरी की जांच शुरू की, तो चौंकाने वाली बात पता चली। ये सारा कैश और जेवर गाजियाबाद में एक ठेकेदार का था। वह सड़क निर्माण के करोड़ों के टेंडर उठाता है। ठेकेदार और डॉक्टर की पुरानी दोस्ती है। ठेकेदार को अपने यहां जांच एजेंसियों के छापे का डर था। इसीलिए वह कैश-जेवर से भरी कार डॉक्टर के घर पर खड़ी कर गया था। चोरी के एक दिन पहले डॉक्टर प्रमोद त्यागी के घर पर पार्टी थी। इसमें हिस्ट्रीशीटर विनय त्यागी भी आया था। उसको भनक लग गई कि डॉक्टर के घर के कैंपस में ऐसी कार खड़ी है, जिसके अंदर करोड़ों का माल भरा है। 29 सितंबर को देहरादून पुलिस ने पश्चिमी यूपी के कुख्यात हिस्ट्रीशीटर विनय त्यागी को गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तारी की जगह सहारनपुर जाने वाले रास्ते पर यूपी-उत्तराखंड का बॉर्डर दिखाया गया। पुलिस ने दावा किया कि विनय त्यागी से पीली धातु (सोना) के 4 सिक्के, सफेद धातु (चांदी) का 1 सिक्का और 15 हजार रुपए बरामद हुए। ये वही सामान है, जो डॉक्टर के घर खड़ी गाड़ी से चोरी हुआ था। 30 सितंबर को विनय त्यागी को कोर्ट में पेश करके जेल भेज दिया गया। हालांकि सोर्स बताते हैं कि विनय की गिरफ्तारी गाजियाबाद के VVIP रिजॉर्ट से हुई। वहां विनय पत्नी निशी के साथ मौजूद था। दोनों का इस रिसॉर्ट में एक सुइट बुक था। विनय त्यागी मूलरूप से मुजफ्फरनगर जिले में पुरकाजी थाना क्षेत्र के गांव खाईखेड़ा का रहने वाला है। वर्तमान में मेरठ के जागृति विहार में रहता है। उसके खिलाफ यूपी, उत्तराखंड और दिल्ली में गंभीर मामलों में 46 मुकदमे दर्ज हैं। विनय देश के बहुचर्चित बाइक बोट घोटाले में भी आरोपी है। इसके बाद देहरादून पुलिस ने 7 अक्टूबर, 2025 को विनय त्यागी के दोस्त हरिओम त्यागी को गिरफ्तार किया। हरिओम से सोने का एक सिक्का और 7 हजार रुपए मिले। तीसरे आरोपी राजन सिंह से 22 नवंबर को सोने के 5 सिक्के मिले। इस घटना की चौथी आरोपी विनय त्यागी की पत्नी निशी त्यागी अभी भी फरार है। रिपोर्ट में पुलिस ने बताए सोने के 50, चांदी के 30 सिक्के
9 दिसंबर को थाना नेहरू कॉलोनी के सब-इंस्पेक्टर प्रवीण सिंह पुंडीर ने ACJM-5 कोर्ट देहरादून को 3 पेज की रिपोर्ट भेजी। हिस्ट्रीशीटर विनय त्यागी की पत्नी निशा त्यागी का गिरफ्तारी वारंट जारी कराने के लिए पुलिस ने ये रिपोर्ट बनाई थी। इस रिपोर्ट के अनुसार, डॉक्टर के घर की पार्किंग में खड़ी कार से अलग-अलग वजन के सोने के 50 सिक्के, चांदी के 30 सिक्के, 5 लाख रुपए कैश और डॉक्टर की पत्नी के नाम रजिस्ट्री की मूल कॉपी चोरी होने की बात संज्ञान में आई। रिपोर्ट में बताया गया कि निशी त्यागी ने 23 सितंबर को गाजियाबाद के मोरटा इलाके में एक प्रॉपर्टी खरीदी है। चुराए गए सोने-चांदी के सिक्कों का इस्तेमाल इस प्रॉपर्टी को खरीदने में किया गया है। सूत्रों ने बताया कि देहरादून पुलिस जिस प्रॉपर्टी को चोरी के पैसों से खरीदना बता रही, उसके दस्तावेज निशि त्यागी पक्ष की तरफ से पुलिस को दिए गए हैं। इन दस्तावेजों के मुताबिक, निशी त्यागी का संपत्ति में बतौर डायरेक्टर नाम गाजियाबाद की कंपनी में है। यह कंपनी निशी के दूर के रिश्तेदार की है। रिश्तेदार ने प्रॉपर्टी के धन स्रोत देहरादून पुलिस को दिए
देहरादून पुलिस का कहना है कि 25 से 29 नवंबर तक निशी त्यागी के मेरठ जागृति विहार स्थित मकान पर दबिश दी। हर बार मकान पर ताला लगा मिला। पुलिस निशी त्यागी के देहरादून में राजपुर रोड मसूरी डायवर्जन स्थित फ्लैट पर पहुंची। यहां भी ताला लगा मिला। 29 नवंबर को देहरादून कोर्ट ने निशी त्यागी के तलाशी वारंट जारी कर दिए। 2 दिसंबर को देहरादून स्थित फ्लैट से पुलिस को सोने का एक सिक्का, चांदी के 18 सिक्के, 80 हजार रुपए, डॉक्टर की पत्नी के नाम रजिस्ट्री कॉपी, एमओयू कॉपी समेत अन्य सामान रिकवर हुआ। कई बार प्रयास करने के बावजूद पुलिस निशी त्यागी के बयान दर्ज नहीं कर सकी। इस रिपोर्ट के आधार पर ACJM-5 कोर्ट देहरादून ने 9 दिसंबर को निशी त्यागी निवासी मेरठ का गिरफ्तारी वारंट जारी कर दिया। कैश-जेवरात मिले, लेकिन करोड़ों की प्रॉपर्टी के कागजात कहां?
हिस्ट्रीशीटर विनय त्यागी तो जेल चला गया, लेकिन अब उसके सारे परिचित देहरादून पुलिस से परेशान हैं। देहरादून पुलिस पिछले एक महीने से पश्चिमी यूपी में दबिश डाल रही है। विनय त्यागी के परिचितों को उठा रही है। उनसे पूछ रही है कि चोरी हुआ माल कहां है? महत्वपूर्ण बात ये है कि सारी कार्रवाई ऑन रिकॉर्ड नहीं हो रही। उसकी वजह है कि चोरी मामूली दर्ज हुई और माल उससे कई गुना ज्यादा बरामद हो चुका है। सूत्रों ने बताया कि अभी सिर्फ आधा माल ही रिकवर हो पाया है, आधा बाकी है। कुछ माल निशी त्यागी के पास भी हो सकता है। मुद्दा अब पैसा नहीं, करोड़ों की प्रॉपर्टी के कागजात का है, जो विनय त्यागी ने चुराए थे। आशंका है कि वो कागजात विनय त्यागी के पास हैं। गाजियाबाद के जिस ठेकेदार के ये कागजात हैं, वो कागजात उसके गले की हड्डी बन सकते हैं। ठेकेदार को डर है कि अगर विनय त्यागी जेल से छूटा तो कहीं वो ये कागजात जांच एजेंसियों को न सौंप दे। सीधे तौर पर कहा जाए तो ठेकेदार ने उत्तराखंड पुलिस को गुपचुप तरीके से पूरा मामला बता दिया है। इसके बाद विनय त्यागी के सभी परिचितों को पुलिस एक-एक करके राउंड-अप कर रही है। इस पूरे घटनाक्रम में देहरादून पुलिस ने गिरफ्तारी के प्रेस नोट्स के अलावा अभी तक कोई आधिकारिक वर्जन जारी नहीं किया है। जेल से छूटा हरिओम बोला- 30-32 करोड़ का था सोना
इस हाईप्रोफाइल चोरी में हरिओम त्यागी 2 दिन पहले ही अदालत से जमानत पर छूटा है। हमने हरिओम त्यागी से बात करके पर्दे के पीछे की पूरी कहानी जाननी चाही। हरिओम ने बताया- मैं विनय त्यागी का बहुत पुराना परिचित हूं। अक्सर उसी के साथ रहता हूं। उस दिन भी विनय त्यागी के साथ डॉक्टर के घर पर एक पार्टी में गया था। सिर्फ वहां मेरी मौजूदगी थी, इसलिए विनय त्यागी के सहयोगियों में मुझे भी गिरफ्तार कर लिया गया। इसके बाद पुलिस ने रिमांड पर मेरा और विनय का आमना-सामना कराया। मैंने पुलिस से कहा कि विनय मेरे सामने बैठा है, वो खुद बताए कि मैंने जेवरात-कैश चुराया है या नहीं। सब चुप रहे, कोई कुछ बोल नहीं सका। हरिओम ने कहा- विनय त्यागी ने मेरे साथ विश्वासघात किया। पूछताछ में विनय त्यागी ने 30-32 करोड़ रुपए का सोना होने की बात कबूली थी। इसमें लगभग सारा सोना रिकवर हो चुका है। ये पूरा मामला उत्तराखंड सीएम के संज्ञान में भी है। सीएम ने ही एसएसपी को 100 परसेंट रिकवरी का टारगेट दिया था। ————————— ये खबर भी पढ़ें… एक्सप्रेस-वे पर संभलकर चलें, आधा KM दूर से रिकॉर्डिंग, यूपी में कपल का इंटिमेट वीडियो वायरल हुआ पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे के टोल प्लाजा पर एक नवविवाहित जोड़े का प्राइवेट वीडियो CCTV से रिकॉर्ड किया गया। पति-पत्नी कार में थे। उन्होंने टोल प्लाजा से पहले कार रोकी। कार में बैठे-बैठे रोमांस करने लगे। एक्सप्रेस-वे के ‘एंटी ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम’ (ATMS) के असिस्टेंट मैनेजर आशुतोष ने इस प्राइवेट पल का वीडियो बना लिया। इसके बाद वह पति-पत्नी के पास पहुंचा। वीडियो दिखाकर ब्लैकमेल किया। वीडियो वायरल करने की धमकी दी और 32 हजार रुपए वसूल लिए। बाद में वीडियो सोशल मीडिया पर भी वायरल कर दिया। पढ़िए पूरी खबर…


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