जिलाधिकारी अनुज सिंह की अध्यक्षता में सोमवार को कलेक्ट्रेट सभागार में जिला स्तरीय सलाहकार समिति (डीएलसीसी) की बैठक हुई। इसमें विभिन्न राष्ट्रीयकृत और निजी क्षेत्र के बैंकों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। बैठक के दौरान जिलाधिकारी ने सरकारी ऋण एवं रोजगारपरक योजनाओं की बैंकवार समीक्षा की और ऋण संबंधी पत्रावलियों के निस्तारण में हो रही देरी पर कड़ी नाराजगी व्यक्त की। जिलाधिकारी ने किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) योजना के तहत ऋण स्वीकृति की स्थिति की समीक्षा करते हुए निर्देश दिए कि पात्र किसानों को नियमानुसार प्राथमिकता के आधार पर ऋण स्वीकृत किया जाए। इससे कृषि कार्यों में समय पर सहायता मिल सकेगी। उन्होंने स्पष्ट किया कि केसीसी मामलों में अनावश्यक देरी बर्दाश्त नहीं की जाएगी। सीएम युवा उद्यमी विकास योजना में निजी क्षेत्र के बैंकों की कम रुचि पर जिलाधिकारी ने असंतोष जताया। उन्होंने कहा कि निजी और राष्ट्रीयकृत दोनों ही बैंकों को सरकार की रोजगार सृजन योजनाओं के क्रियान्वयन में सक्रिय भूमिका निभानी होगी। युवाओं को स्वरोजगार से जोड़ने में बैंकों की भूमिका महत्वपूर्ण है, इसलिए ऋण पत्रावलियों का निस्तारण समयबद्ध ढंग से किया जाए। ऋण आवेदन निरस्त किए जाने की बैंकवार समीक्षा के दौरान जिलाधिकारी ने निर्देश दिए कि बिना ठोस और पर्याप्त कारण के किसी भी आवेदन को निरस्त न किया जाए। उन्होंने यह भी कहा कि ऋण स्वीकृति के बाद लाभार्थी को शीघ्र धनराशि उपलब्ध कराई जाए, ताकि वे अपना व्यवसाय या रोजगार समय पर शुरू कर सकें। मत्स्य पालकों के लिए संचालित किसान क्रेडिट कार्ड योजना में बैंकों की कमजोर प्रगति पर भी जिलाधिकारी ने नाराजगी व्यक्त की और सुधार के निर्देश दिए। प्रधानमंत्री सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना की समीक्षा करते हुए उन्होंने कहा कि सौर ऊर्जा को बढ़ावा देने वाली इस महत्वाकांक्षी योजना में बैंकों की सक्रिय सहभागिता आवश्यक है, ताकि अधिक से अधिक लोग इसका लाभ उठा सकें। बैठक में प्रधानमंत्री ग्रामोद्योग रोजगार सृजन कार्यक्रम, मुख्यमंत्री माटी कला रोजगार योजना, मुख्यमंत्री युवा उद्यमी विकास योजना और प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना सहित अन्य योजनाओं की भी विस्तृत समीक्षा की गई।
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