मेरठ रेंज में सड़क दुर्घटनाओं पर अंकुश लगाने और यातायात व्यवस्था सुधारने के लिए ‘ऑपरेशन नकेल’ चलाया गया। डीआईजी कलानिधि नैथानी के निर्देश पर 23 से 30 नवंबर तक चले इस अभियान में मेरठ, बुलंदशहर, हापुड़ और बागपत जिलों में व्यापक कार्रवाई की गई। अभियान के तहत पुलिस ने अवैध पार्किंग, अतिक्रमण, बिना नंबर प्लेट, फर्जी रजिस्ट्रेशन, बिना ड्राइविंग लाइसेंस, ओवरस्पीडिंग और नशे में वाहन चलाने जैसे यातायात नियमों के गंभीर उल्लंघनों पर सख्त कार्रवाई की। इस अभियान का मुख्य उद्देश्य सड़क दुर्घटनाओं में कमी लाना, यातायात नियमों का पालन सुनिश्चित करना, भीड़भाड़ वाले क्षेत्रों में यातायात का सुचारु प्रवाह बनाए रखना और एक सुरक्षित यातायात संस्कृति विकसित करना था। ऑपरेशन नकेल के दौरान विभिन्न यातायात उल्लंघनों के लिए कुल 1000 से अधिक लोगों पर कार्रवाई की गई। इसमें अवैध पार्किंग, बिना नंबर प्लेट, बिना ड्राइविंग लाइसेंस और ओवरस्पीडिंग जैसे मामले शामिल थे। अवैध पार्किंग और अतिक्रमण के मामलों में कुल 167 कार्रवाई की गईं, जिनमें मेरठ और बुलंदशहर में 42-42, बागपत में 47 और हापुड़ में 36 कार्रवाई शामिल हैं। बिना नंबर प्लेट या फर्जी रजिस्ट्रेशन वाले 570 वाहनों पर कार्रवाई हुई, जिसमें बुलंदशहर में सर्वाधिक 316 वाहन शामिल थे। बिना या फर्जी परमिट के 300 चालान किए गए, जिसमें बागपत में 229 चालान हुए। इसके अतिरिक्त, बिना ड्राइविंग लाइसेंस के 959 चालान किए गए, जिनमें मेरठ में 480 और बागपत में 229 चालान शामिल थे। मोबाइल पर बात करते हुए, नशे में या ओवरस्पीडिंग करते हुए वाहन चलाने पर 325 चालान किए गए, जिसमें हापुड़ में 142 चालान हुए। सार्वजनिक स्थानों पर लंबे समय से खड़े 2909 वाहनों के चालान किए गए, जिनमें मेरठ में 1392 और बुलंदशहर में 907 चालान शामिल थे। अभियान के दौरान 346 वाहनों को क्रेन से हटाया गया और 195 वाहनों को सीज किया गया। बुलंदशहर में 240 वाहन क्रेन से हटाए गए और 97 वाहन सीज किए गए। पांच से अधिक चालान लंबित होने के कारण 9066 ड्राइविंग लाइसेंस निरस्त करने के लिए रिपोर्ट आरटीओ को भेजी गई है। इनमें से अकेले बुलंदशहर में ही लगभग 870 वाहन चालकों के लाइसेंस निरस्तीकरण की रिपोर्ट भेजी गई।
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