गोरखपुर के दीनदयाल उपाध्याय विश्वविद्यालय के विधि विभाग (लॉ डिपार्टमेंट) में संविधान दिवस की पूर्व संध्या पर रंगोली, पोस्टर प्रतियोगिता और मूट कोर्ट का भव्य आयोजन किया गया। जिसका अवलोकन अतिथियों ने किया और छात्रों के रचनात्मक प्रयासों की सराहना की। इस दौरान बीए एलएलबी के विद्यार्थियों ने मूट कोर्ट के माध्यम से आरुषि हत्याकांड की बहुचर्चित घटनाओं, साक्ष्यों और न्यायिक प्रक्रिया से जुड़े कानूनी प्रश्नों को अत्यंत सजीव, सटीक और प्रभावी ढंग से प्रस्तुत किया। छात्रों ने चार्ज फ़्रेमिंग, साक्ष्य परीक्षण, गवाहों से जिरह, अभियोजन और बचाव पक्ष की दलीलों को वास्तविक न्यायालयीय प्रक्रिया के अनुरूप रीक्रिएट किया। प्रस्तुतियों ने किया प्रभावित साथ ही सीआरपीसी, भारतीय साक्ष्य अधिनियम और दंड संहिता की विभिन्न धाराओं का संदर्भ लेते हुए आत्मविश्वास, कानूनी समझ और तर्कबद्धता के साथ अपनी प्रस्तुतियां दीं। इन प्रस्तुतियों ने वहां उपस्थित सभी शिक्षकों, विद्यार्थियों और अतिथियों को गहराई से प्रभावित किया। इसके अलावा विद्यार्थियों ने अपने बेहतरीन कानूनी ज्ञान से साक्ष्य परीक्षण के दौरान घटनास्थल के तथ्यों, फॉरेंसिक रिपोर्टों और परोक्ष साक्ष्यों के महत्व को बेहतरीन ढंग से प्रस्तुत किया। साथ ही न्यायाधीश की भूमिका निभा रहे छात्र ने भी न्यायिक प्रश्नोत्तर, आपत्तियों पर निर्णय और अंत में तर्कसंगत आदेश लिखने की प्रक्रिया को अत्यंत पेशेवर ढंग से निभाया। विद्यार्थियों से सीखी मामले की तकनीकी पेचीदगी
उनकी शानदार के माध्यम से विद्यार्थियों ने न केवल मामले की तकनीकी पेचीदगियों को समझा, बल्कि न्याय प्रक्रिया की संवेदनशीलता, दायित्व और नैतिक पक्ष को भी पूरी गंभीरता से व्यक्त किया। उनकी वाद-विवाद शैली, प्रस्तुति, तथ्यों की पकड़ और तर्क शक्ति ने सभी को आश्चर्यचकित कर दिया और यह अनुभव कराया कि विधि विभाग के छात्र भविष्य में बेहतरीन विधिक पेशेवर बनने की क्षमता रखते हैं। कार्यक्रम में कुलपति प्रो. पूनम टंडन ने विद्यार्थियों की प्रतिभा की सराहना करते हुए कहा कि इस प्रकार के आयोजन न केवल विधि शिक्षा को व्यवहारिक आयाम प्रदान करते हैं, बल्कि विद्यार्थियों में संवैधानिक मूल्यों के प्रति जागरूकता भी बढ़ाते हैं। पुस्तकों का भी हुआ विमोचन इस अवसर पर दो पुस्तकों का विमोचन किया गया। पहला पुस्तक डॉ. संदीप कुमार सिंह और आशीष नाथ त्रिपाठी द्वारा लिखित “फ्रॉम सॉइल टू सोसाइटी” और दूसरी पुस्तक डॉ. योगेन्द्र प्रताप सिंह द्वारा लिखित “फाउंडेशन्स ऑफ इंग्लिश” (बी.ए. एलएल.बी. प्रथम सेमेस्टर की पाठ्यपुस्तक)। इस अवसर पर विधि विभागाध्यक्ष और अधिष्ठाता प्रोफेसर डॉ. जितेंद्र मिश्रा, पूर्व विभागाध्यक्ष और अधिष्ठाता प्रोफेसर डॉ. चंद्रशेखर, बीए एलएलबी संयोजक, प्रोफेसर अहमद नसीम, अधिष्ठाता छात्र कल्याण प्रोफेसर अनुभूति दूबे और विभाग के सभी शिक्षक और विद्यार्थी उपस्थित रहे।
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