‘मैं ज्वैलरी शोरूम को लूटने गया था। हत्या नहीं करनी थी, मगर कारोबारी की आंखों में मिर्च डालने के बाद जब चापड़ से पहला वार किया, तो खून निकलने लगा। फिर रुक नहीं पाया, 12 सेकेंड में ताबड़तोड़ 10 वार कर दिए।’ गाजियाबाद के मोदीनगर में ज्वैलर गिरधारीलाल की हत्या करने वाले अंकित गुप्ता ने पुलिस कस्टडी में ये बयान दिया। कहा- मैंने लूट करने से पहले यूट्यूब पर कई VIDEO देखे। क्राइम पेट्रोल सीरियल भी देखे। पुलिस को कैसे गुमराह करना है, ये सीखा। फिंगर प्रिंट न आए इसलिए अंगुलियों पर टेप लगाया था। सब कुछ प्लानिंग के मुताबिक हुआ, मगर ऐन वक्त पर कारोबारी का बेटा शोरूम के अंदर आ गया। उसने भागने का रास्ता ब्लॉक कर दिया, इसलिए मैं पकड़ा गया। वरना CCTV में दिखने के बावजूद मुझे पकड़ा नहीं जा सकता था। गोविंदपुरी में गिरधारी लाल ज्वैलर्स शोरूम में वारदात करने वाला अंकित सिर्फ 500 मीटर दूर रहता है। लूट की प्लानिंग कैसे की? आंखों में मिर्च क्यों झोंकी? पुलिस उसके खिलाफ क्या कार्रवाई कर रही है? ये जानने के लिए दैनिक भास्कर टीम ने पुलिस और व्यापारियों से बात की। पढ़िए रिपोर्ट… MBA करके जॉब की, एप पर ट्रेडिंग करके फंसा
पुलिस इंस्पेक्टर ने पूछा- क्या पढ़ाई की है? क्या करते थे? अंकित गुप्ता ने कहा- मैंने IMR कॉलेज से MBA की पढ़ाई की। इसके बाद नोएडा और गाजियाबाद में अलग-अलग कंपनियों में जॉब की। सालाना 6 लाख रुपए के पैकेज तक पहुंच गया था। सब कुछ ठीक चल रहा था। ऑफिस में मुझे एक दोस्त ने बताया कि अगर तुम्हें ज्यादा पैसे कमाने हैं, तो एक ऐप के बारे में बता सकता हूं। बीनोमो ऐप पर अकाउंट बनवाया। मुझे 10 हजार रुपए वर्चुअल मिले, इसके बाद मैंने बिटक्वाइन में इन्वेस्ट करना शुरू किया। शुरुआत में कीमतें बढ़ रही थीं, मैं भी खुश था। क्योंकि मेरा इन्वेस्ट किए हुए रुपए की कीमत बढ़ रही थी। फिर घाटा होने लगा, मेरे ऊपर 10 दिन में ही 50 लाख का कर्ज हो गया। इंस्पेक्टर ने पूछा- फिर तुमने क्या किया? अंकित ने कहा- मैंने फैमिली को इस बारे में बताया। अपनी गलती भी स्वीकार की। इसके बाद मेरी फैमिली ने सचेतपुरी के एक मकान को बेचकर मुझे 20 लाख रुपए दिए। मैंने अपना कर्ज चुकाने के लिए अलग-अलग बैंकों से 30 लाख रुपए का लोन भी लिया। ऐप का कर्ज तो चुका दिया, मगर मैं 30 लाख रुपए के लोन में दबकर रह गया। लूट का प्लान 2 महीने पहले बनाया
फिर 2 महीने पहले मुझे एक आइडिया आया। दरअसल, मैं अपने एक दोस्त के साथ गोविंदपुरी की मार्केट में ज्वैलर्स शॉप पर गया। वहां सिर्फ बुजुर्ग गिरधारी लाल बैठते थे। उनका सोने-चांदी का पुराना कारोबार था। वहां जाने पर मैंने देखा कि सिक्योरिटी के लिए कोई नहीं रहता। कैश काउंटर में लाखों रुपए और सोने-चांदी के जेवर भी होते हैं। तभी मैंने लूट की प्लानिंग कर ली। इसके बाद मैंने गूगल पर कई वीडियो सर्च किए। लूट के बाद पुलिस से कैसे बचा जाए। क्राइम पेट्रोल के कुछ सीरियल भी यूट्यूब पर ऑनलाइन देखे। ये वीडियो देखकर मुझे 2 बातें समझ आईं। पहली- पहचान छिपानी है, तो पुलिस ढूंढ नहीं पाएगी। दूसरी- शोरूम तक आने और लूट के बाद भागने का ऐसा रूट चुनना है कि पुलिस ट्रेस न कर सके। मैंने दुकान के आसपास के पूरे एरिया का मैप तैयार किया। दुकान खुलने की टाइमिंग देखी। गिरधारी लाल सुबह 8 बजे दुकान खोल लेते थे। यूट्यूब के एक वीडियो में मैंने देखा कि अगर किसी व्यक्ति की आंखों में मिर्च डाल दो, तो कुछ मिनटों तक उसे दिखना बंद हो जाता है। फिर 3 दिसंबर को ब्लिंकिट ऐप से चाकू, मिर्च पाउडर और कैंची मंगवाई। मैंने जो खुद छानबीन की उसमें पता चला कि गिरधारी लाल सोनी (75) की सराफा की कुल 3 दुकाने हैं। इनमें एक दुकान घर के पीछे ही गिरधारी लाल एंड संस ज्वेलर्स नाम से है। यहां गिरधारी लाल का छोटा बेटा रुपेंद्र बैठता है। कॉलेज जाने से पहले पोता अभिषेक भी दुकान पर मदद करने आता था। अब वारदात का दिन- 4 दिसंबर
दुकान खुलने के 30 मिनट बाद गिरधारी आए, अंकित वेट करता रहा
बाजार में गिरधारी की दुकान सबसे पहले खुलती थी। 4 दिसंबर की सुबह 7.45 बजे रुपेंद्र ने दुकान खोली। 30 मिनट के बाद गिरधारी दुकान पर आ गए। कुछ देर बाद पोता अभिषेक भी वहां पहुंचा। वो 8.30 बजे कॉलेज चला गया। इसके बाद रुपेंद्र ने अपने पिता गिरधारी को नाश्ता लाकर दिया। फिर पहली मंजिल पर बने वॉशरूम में चले गए। अब सर्दियों के दिन हैं, इसलिए सिर पर टोपी और ढके चेहरे वाले शख्स पर लोग शक नहीं करते हैं। मैं आराम से चलते हुए शोरूम तक पहुंचा। अंदर दाखिल होते ही मुझे गिरधारी लाल काउंटर पर बैठे दिखे। मैंने उनके चेहरे पर मिर्च पाउडर फेंका। मगर वो आंख में मिर्च पड़ने के बावजूद हाथापाई करने लगे। मैंने चापड़ निकाल लिया। उन पर एक वार किया, तब वो थोड़ा नरम पड़े। मेरा चापड़ भी वहीं गिर गया, इसके बाद मैंने चाकू निकाल लिया। 10 सेकेंड में उनके ऊपर 12 वार किए। मुझे कुछ समझ नहीं आया। अचानक मैं क्या कर दूं। काउंटर में गल्ले की चाबी भी उन्हीं के पास थी। इसी दौरान उनका बेटा आ गया, तो मुझे लगा कि मैं पकड़ा जाऊंगा। ये लोग मिलकर मुझे मार डालेंगे। वहां से मैं भागा तो मुझे रुपेंद्र ने पकड़ लिया। फिर और लोग इकट्ठा हो गए। उन लोगों ने मुझे बहुत पीटा। फिर पुलिस ने मुझे बचाया। अब मैं जेल जाना चाहता हूं। मुझे तो ये भी डर था कि कहीं पुलिस वाले मेरा एनकाउंटर न कर दें। तभी रातभर भगवान से हाथ जोड़कर प्रार्थना करता रहा। ज्वेलर के मरने पर 6 घंटे मार्केट बंद हुआ पिता गिरधारी को बचाने आए बेटे देवेंद्र पर भी अंकित ने हमला किया था। ज्वेलर की हत्या के बाद मोदीनगर का गोविंदपुरी मार्केट 6 घंटे तक बंद रहा। व्यापारियों ने सड़क पर बैठकर धरना प्रदर्शन किया। व्यापारियों में इसलिए भी गुस्सा था, क्योंकि गिरधारी के शरीर पर 10 जगह गहरे घाव मिले। ज्यादा खून बहने की वजह से उनकी मौत हो गई थी। अंकित के निवेश में 2 मकान बिके
पुलिस पूछताछ में सामने आया है कि अंकित और उसके परिवार का 6 साल में करीब 40 लाख रुपए का नुकसान क्रिप्टोकरेंसी में निवेश के चक्कर में हुआ था। इसके चलते संतपुरा का मकान बिक गया था। इसके बाद परिवार सुचेतापुरी में रहने लगे। दो साल पहले वह मकान भी बिक गया। अब अंकित का परिवार मोदीपोन कॉलोनी में किराए पर रह रहा था। MBA पास होने के बाद भी वह एक ऑनलाइन परिवहन कंपनी के लिए बाइक चला रहा था। अब ज्वेलर गिरधारी लाल के घर का माहौल गुस्साए व्यापारी बोले- मार्केट में सुरक्षा चाहिए
गिरधारी लाल की हत्या की पूरी कहानी समझने के बाद दैनिक भास्कर टीम उनके घर भी पहुंची। घर के बाहर सफेद रंग का टेंट लगा हुआ था। लोग शोक व्यक्त करने के लिए यहां पहुंच रहे थे। बाहर कुर्सियां लगी हुई थीं। यहां कुछ व्यापारियों से हमारी बात हुई। इस हत्या के बाद गोविंदपुरी के व्यापारियों में खासा गुस्सा दिखा। गोविंदपुरी मार्केट एसोसिएशन के अध्यक्ष जितेंद्र चौधरी कहते हैं- यह लगातार पुलिस का फेल्योर है। इस तरह की घटना पहले भी हो चुकी है। वारदात की जानकारी देने के 15 से 20 मिनट के बाद ही पुलिस पहुंच पाती है। जबकि मोदीनगर में 200 मीटर की दूरी पर तहसील और पास में थाना है। व्यापारी असुरक्षित हैं। यहां मार्केट की सुरक्षा होनी चाहिए। यहीं खड़े मोबाइल शॉप के मालिक हरेंद्र अरोड़ा गुस्से में कहते हैं- एक व्यापारी को दुकान में घुसकर मार दिया गया। यह ऐसा कत्ल है, जिसे हम भूल नहीं सकेंगे। यहां लगातार पुलिस की लापरवाही से घटना हुई है। हमने 72 घंटे का अल्टीमेटम दिया है। हमारी मांग है कि पुलिस की पिकेट मार्केट में लगाई जाए। व्यापारी प्रिंस भल्ला कहते हैं- 4 महीने पहले भी मोबाइल शॉप में 34 लाख की चोरी हुई। आज तक घटना नहीं खुली। थानों में सुनवाई नहीं होती। इस सरकार में भी हम सुरक्षित नहीं है। व्यापारी अपनी सुरक्षा को लेकर कहां जाए। पूर्व सभासद अरुण खन्ना ने कहा कि व्यापारियों को लगता है कि इस वारदात में दो आरोपी शामिल थे, इसलिए जांच ठीक से होनी चाहिए। ————- घटना से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें… आंखों में मिर्च डालकर ज्वेलर को मार डाला, VIDEO, गाजियाबाद में दिनदहाड़े चापड़ लेकर दुकान में घुसा, 12 वार किए; बेटे ने पकड़ा गाजियाबाद में दिनदहाड़े सर्राफा कारोबारी की हत्या कर दी गई। गुरुवार सुबह 9.15 बजे बाजार में गिरधारी लाल वर्मा (75) अपनी दुकान खोलकर अंदर बैठे थे, तभी लूट के इरादे से नकाबपोश हत्यारा अंकित गुप्ता (30) आया। मिर्ची पाउडर डालने की कोशिश की, तभी कारोबारी उससे भिड़ गए। पढ़िए पूरी खबर…
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