हमीरपुर के पूर्व भाजपा जिलाध्यक्ष प्रीतम सिंह किसान को मंगलवार सुबह कड़ी सुरक्षा के बीच इलाहाबाद हाईकोर्ट के लिए रवाना किया गया। वह करीब 55 दिनों तक लापता रहने के बाद 12 दिसंबर को लखनऊ से बरामद हुए थे। रवाना होने से पहले जिला अस्पताल की टीम ने वृद्धाश्रम में उनका स्वास्थ्य परीक्षण किया, जिसकी रिपोर्ट सामान्य पाई गई। प्रीतम सिंह किसान 19 अक्टूबर को कथित रूप से लापता हो गए थे। पुलिस ने उन्हें लगभग 54 दिनों तक तलाश किया और आखिरकार 12 दिसंबर को लखनऊ के दुबग्गा इलाके में एक मकान से बरामद किया। उनकी गुमशुदगी के दौरान, 28 अक्टूबर को प्रीतम सिंह के भाई एडवोकेट वीर सिंह ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दायर की थी। उन्होंने पुलिस पर भाई को गायब करने का आरोप लगाया था। नवंबर माह में इस याचिका पर चार बार सुनवाई हुई। पांचवीं सुनवाई 8 दिसंबर को हुई, जिसमें एसपी डॉ. दीक्षा शर्मा को व्यक्तिगत रूप से कोर्ट में पेश होकर हलफनामा दाखिल करना पड़ा था। इसके बाद कोर्ट ने अगली सुनवाई की तारीख 16 दिसंबर तय की थी। कोर्ट ने आदेश दिया था कि यदि प्रीतम सिंह बरामद हो जाते हैं तो राठ थाना प्रभारी हलफनामा दाखिल करेंगे, अन्यथा एसपी को हलफनामा देना होगा। हालांकि, एसपी को व्यक्तिगत पेशी से छूट दी गई थी। 12 दिसंबर को प्रीतम सिंह की बरामदगी के बाद, 13 दिसंबर को उन्हें सीजेएम कोर्ट में पेश किया गया था। कोर्ट के आदेश पर उन्हें वृद्धाश्रम में रखा गया था। मंगलवार को हाईकोर्ट में सुनवाई के मद्देनजर, राठ कोतवाली प्रभारी राकेश कुमार उन्हें तड़के वृद्धाश्रम से लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट के लिए रवाना हुए।
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