DniNews.Live

Fast. Fresh. Sharp. Relevant News

BHU में वित्तीय अनियमितताओं की जांच तेज:CVC के निर्देश पर सौंपी गई रिपोर्ट,उच्च न्यायालय में भी पड़ी है CBI जांच की याचिका

काशी हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) के ट्रामा सेंटर और सर सुंदर लाल चिकित्सालय से जुड़े घोटाले सहित विभिन्न वित्तीय अनियमितताओं को लेकर जांच का मामला एक बार फिर चर्चा में है। केंद्रीय सतर्कता आयोग (CVC) के निर्देश पर गठित फैक्ट फाइंडिंग कमेटी ने अपनी जांच रिपोर्ट सौंप दी है, जिसके बाद अब दोषियों पर कार्रवाई की उम्मीद जताई जा रही है। लोकसभा में पूछे गये प्रश्न पर केंद्रीय शिक्षा राज्य मंत्री ने दिया जवाब लोकसभा में पूछे गए एक प्रश्न के लिखित उत्तर में केंद्रीय शिक्षा राज्य मंत्री डॉ. सुकांत मजूमदार ने बताया कि शिक्षा मंत्रालय के पत्र दिनांक 9 जनवरी 2024 के आधार पर बीएचयू के कुलपति द्वारा फैक्ट फाइंडिंग कमेटी का गठन किया गया था। इस समिति ने विश्वविद्यालय में सामने आई विभिन्न वित्तीय अनियमितताओं की जांच कर 14 मार्च 2024 को अपनी रिपोर्ट बीएचयू प्रशासन को सौंप दी। इसके बाद विश्वविद्यालय द्वारा 5 जून 2025 को एक विस्तृत रिपोर्ट केंद्रीय सतर्कता आयोग को भेजी गई है। इस जवाब की कापी बीएचयू के छात्रों द्वारा जमकर शेयर की जा रही है। आरोप है कि ट्रामा सेंटर और सर सुंदर लाल चिकित्सालय में जुड़े कार्यों में भारी वित्तीय गड़बड़ी हुई। टेंडर प्रक्रिया में एक ही परिवार से जुड़ी लगभग 11 कंपनियों के खरीदार और विक्रेता दोनों के रूप में शामिल होने की बात कही गई है। इसके अलावा सरकारी ई-मार्केटप्लेस (GeM) पोर्टल पर एक ही आईपी एड्रेस के उपयोग से लेन-देन कर बड़े पैमाने पर घोटाला किए जाने के आरोप भी सामने आए हैं। विश्वविद्यालय के नियम का दिया गया हवाला सांसदों ने यह सवाल भी उठाया कि जांच रिपोर्ट आने के बावजूद अब तक दोषियों के खिलाफ कोई ठोस कार्रवाई क्यों नहीं हुई। इस पर सरकार ने स्पष्ट किया कि बीएचयू एक स्वायत्त केंद्रीय विश्वविद्यालय है, जो बनारस हिंदू विश्वविद्यालय अधिनियम, 1915 के तहत संचालित होता है और उसके पास अनियमितताओं से निपटने के लिए अपना प्रशासनिक ढांचा मौजूद है। CBI जांच की उठाई गई है मांग बीएचयू में कथित वित्तीय भ्रष्टाचार की सीबीआई जांच की मांग को लेकर उच्च न्यायालय में जनहित याचिका भी दाखिल की गई है। ऐसे में अब सबकी निगाहें CVC और न्यायालय के अगले कदम पर टिकी हैं, जिससे यह तय होगा कि इस मामले में आगे किस स्तर की जांच और कार्रवाई होगी। हालंकि इस मामले में विश्वविद्यालय के जिम्मेदार अधिकारियों से जवाब लेना का प्रयास किया गया लेकिन किसी ने उत्तर नहीं दिया।


https://ift.tt/bmhQRG8

🔗 Source:

Visit Original Article

📰 Curated by:

DNI News Live

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *