काशी हिंदू विश्वविद्यालय में केंद्रीय कार्यालय के मुख्य द्वार पर सोमवार को छात्र-छात्राओं का आक्रोश नजर आया। इतिहास विभाग के शोध छात्रों ने धरना दिया और बीएचयू प्रशासन के खिलाफ प्रदर्शन किया। प्रदर्शन कर रहे छात्रों का आरोप है कि विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा उनके साथ प्रवेश प्रक्रिया में गंभीर अनियमितताएं की गई हैं। धरनारत छात्रों का आरोप है कि शोध में प्रवेश के समय उनसे फीस मुख्य कैंपस में जमा करवाई गई थी, लेकिन अब उन्हें विभिन्न संबद्ध कॉलेजों में भेजा जा रहा है। छात्रों के अनुसार, यह न केवल प्रवेश शर्तों का उल्लंघन है, बल्कि इससे उनके शैक्षणिक और शोध कार्य पर भी प्रतिकूल असर पड़ रहा है। आरक्षण नियमों का पालन नहीं किया जा रहा है, जो समानता के अधिकार के खिलाफ है। छात्रों ने यह भी आरोप लगाया कि पिछले करीब दस महीनों से उन्हें एक कार्यालय से दूसरे कार्यालय के चक्कर लगाने को मजबूर किया जा रहा है। इससे वे मानसिक तनाव और उत्पीड़न का शिकार हो रहे हैं। छात्रों का कहना है कि विभागाध्यक्ष और डीआरसी (डिपार्टमेंटल रिसर्च कमेटी) की मिलीभगत से जानबूझकर उन्हें विश्वविद्यालय के मुख्य परिसर से दूर रखा जा रहा है। शोध छात्र राहुल कुमार ने कहा – हमने नियमों के अनुसार मुख्य कैंपस में फीस जमा की थी और हमें यहीं शोध करने की उम्मीद थी। लेकिन पिछले दस महीनों से हमें कभी कॉलेज तो कभी विभाग के चक्कर लगवाए जा रहे हैं। आरक्षण के नियमों का भी पालन नहीं हो रहा है। यह हमारे अधिकारों का हनन है और हम मानसिक रूप से बहुत परेशान हैं।
https://ift.tt/qdbm9HA
🔗 Source:
Visit Original Article
📰 Curated by:
DNI News Live

Leave a Reply