काशी हिन्दू विश्वविद्यालय में एमए प्रथम सेमेस्टर की परीक्षा के दौरान “Conflict Management Development” विषय के प्रश्नपत्र में पूछा गया एक सवाल इन दिनों अकादमिक और सार्वजनिक बहस का केंद्र बन गया है। प्रश्नपत्र के प्रश्न संख्या 5 में छात्रों से पूछा गया-इस्लाम दर्शन में अभिव्यक्त शांति की अवधारणा का विश्लेषण करें। कई आलोचकों का मानना है कि इस्लाम अपने व्यवहार में दुनिया का सबसे हिंसक धर्म है। इतिहास से उपयुक्त उदाहरणों द्वारा इस बात के समर्थन या असहमति के बारे में लिखें। इस प्रश्न के सामने आने के बाद विश्वविद्यालय परिसर से लेकर सोशल मीडिया तक इस पर व्यापक चर्चा शुरू हो गई। अब जानिए छात्रों ने क्या कहा परीक्षा में शामिल कई छात्रों का कहना है कि यह प्रश्न समकालीन वैश्विक परिस्थितियों के संदर्भ में बेहद प्रासंगिक है और Conflict Management जैसे विषय के मूल उद्देश्य से जुड़ा हुआ है। कुछ छात्रों ने इसे आलोचनात्मक सोच और ऐतिहासिक विश्लेषण की परीक्षा लेने वाला प्रश्न बताया। वहीं कुछ छात्रों ने यह भी कहा कि प्रश्न की भाषा को और अधिक संतुलित व अकादमिक बनाया जा सकता था, ताकि किसी धर्म विशेष को लेकर गलतफहमी या भावनात्मक प्रतिक्रिया की गुंजाइश कम हो। अब जानिए क्या लिखा BHU Pathshalaपेज ने लिखा – पत्र जितनी गंभीरता से बनाया गया है, उतनी ही गंभीरता से उसका उत्तर लिखा जाना चाहिए। यह न तो विवाद का विषय है और न ही विरोध का। पेज पर यह भी कहा गया कि बीते पाँच वर्षों में अनेक किताबें, लेख और व्याख्यान इस विषय पर पढ़े-सुने गए, लेकिन इस तरह के प्रश्न को औपचारिक परीक्षा में देखने का इंतजार हमेशा था। हालांकि इस प्रश्नपत्र की पुष्टि या इसपर विश्वविद्यालय के किसी भी जिम्मेदार ने जिम्मेदारी नहीं ली है न ही कुछ कहा है।
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