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BA छात्र की हत्या का तीसरा आरोपी अरेस्ट:गोरखपुर में दोस्तों ने मिलकर काटी गर्दन, फेंक दी थी महराजगंज में लाश

गोरखपुर में तिवारीपुर क्षेत्र के बीए में पढ़ने वाले छात्र अंबुज मणि उर्फ रिशू हत्याकांड में पुलिस को बड़ी सफलता मिली है। तिवारीपुर पुलिस ने रविवार को तीन सप्ताह से फरार चल रहे मुख्य आरोपी अब्दुल अहद खान उर्फ बिट्टू को गिरफ्तार कर लिया। उसके कब्जे से हत्या में इस्तेमाल की गई कुल्हाड़ी और एक डंडा बरामद किया। पूछताछ में हत्या का कारण रुपये के लेनदेन का विवाद सामने आया है। दो अन्य आरोपी पहले ही जेल भेजे जा चुके हैं। बिट्टू को दोपहर बाद न्यायालय में पेश किया गया, जहां से उसे जेल भेज दिया गया। नेपाल सीमा पर पुलिस कर रही थी छापेमारी तिवारीपुर थाना क्षेत्र के सूर्य विहार कालोनी निवासी संतोष त्रिपाठी के 20 वर्षीय बेटे अंबुज मणि उर्फ रिशु की हत्या में शामिल करीमनगर पोखर भिंडा के बिट्टू की तलाश में गोरखपुर से लेकर नेपाल सीमा तक पुलिस छापेमारी कर रही थी। पुलिस के अनुसार, 26 नवंबर की रात अंबुज को उसके दोस्त आयुष सिंह, सदरे आलम और बिट्टू बहाने से घर से बाहर ले गए थे। चिलुआताल क्षेत्र में शराब पीने के दौरान पिस्टल खरीदने के लिए दिए गए रुपये को लेकर विवाद बढ़ गया। इसी विवाद में तीनों ने मिलकर अंबुज की हत्या की साजिश रची। पूछताछ में बिट्टू ने बताया कि रुपये लौटाने की बात को लेकर कहासुनी हुई थी। उसने यह भी दावा किया कि सीधा लेनदेन आयुष से था और गर्दन काटने की वारदात आयुष ने ही अंजाम दी। बिट्टू के अनुसार, विवाद बढ़ने के बाद मारपीट हुई और फिर कुल्हाड़ी से गला काट दिया गया।हत्या के बाद शव को सदरे आलम की गाड़ी में डालकर महराजगंज जिले के भिटौली क्षेत्र ले जाया गया। जहां 27 नवंबर को सिर और धड़ अलग-अलग स्थानों पर मिले थे। शव की बरामदगी के बाद पूरे क्षेत्र में सनसनी फैल गई थी।पुलिस ने पहले ही आयुष और एक सदरे आलम को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था।एसपी सिटी अभिनव त्यागी ने बताया कि बिट्टू की गिरफ्तारी के साथ ही इस हत्याकांड की सबसे अहम कड़ी पूरी हो गई है। अब सभी आरोपी पुलिस हिरासत में हैं। चार्जशीट तैयार करने की प्रक्रिया तेज कर दी गई है। आरोपी ने हत्या की बात स्वीकार की हत्या की घटना के बाद तिवारीपुर थाने की पुलिस ने 2 आरोपियों को गिरफ्तार कर सूर्यकुंड कालोनी निवासी अंबुज मणि त्रिपाठी उर्फ रीशू (20) हत्याकांड का पर्दाफाश कर दिया था। दोनों आरोपियों आयुष और सदरे आलम ने पूछताछ में स्वीकार किया कि अंबुज की हत्या की साजिश उन्होंने अपने दोस्त अहद उर्फ बिट्टू अहमद खान से मिलकर रची थी। हत्या में तीनों ने भूमिका निभाई और बाद में राज छिपाने के लिए गर्दन काटकर शव को महराजगंज ठिकाने लगाया। गर्दन काटने से पहले अंबुज के कपड़े भी उतार दिए थे। घटना के बाद अहद उर्फ बिट्‌टू कुल्हाड़ी लेकर भाग गया था। इस तरह दिया घटना को अंजाम
पुलिस के अनुसार, घटना की रात अंबुज अपने दोस्तों बिट्टू, आयुष और सदरे आलम के साथ था। रुपये के लेन-देन और कुछ समय से चल रहे विवाद को लेकर चारों में कहासुनी हो गई। बयान के मुताबिक सबसे पहले बिट्टू उर्फ अहमद खान ने बेसबॉल से अंबुज के सिर पर वार किया। जैसे ही अंबुज गिरा, आयुष ने उसके गले पर धारदार हथियार से वार कर दिया। पोस्टमार्टम में भी सिर में भारी वार व गले पर गहरे कट की पुष्टि हुई है। पूछताछ में पकड़े गए आरोपियों आयुष और सदरे आलम ने कबूल किया कि हत्या के बाद तीनों घबरा गए थे। तब सदरे आलम ने अपनी कार से अंबुज के शव को महाराजगंज में ठिकाने लगाया था। पुलिस का दावा है कि शव को दूसरे स्थान पर ले जाकर मामला दबाने की योजना थी। पुलिस ने जांच तेज की और सीसीटीवी, कॉल डिटेल व तकनीकी साक्ष्यों के आधार पर आयुष और सदरे आलम को दबोच लिया। पूछताछ में दोनों ने पूरी साजिश और हत्या की कहानी कबूल कर ली। तीसरे आरोपी की गिरफ्तारी के लिए दबिश दे रही पुलिस पुलिस ने जब आयुष को हिरासत में लेकर कड़ाई से पूछताछ की तो उसने अपने साथी सदरे आलम के साथ शव को महाराजगंज से बरामद करा दिया। हालांकि एक आरोपी बिट्टू उर्फ अहमद खान फरार है और उसकी तलाश में पुलिस लगातार दबिश दे रही है।
पुलिस ने उसकी लोकेशन ट्रेस करने के लिए विशेष टीमें बनाई हैं। बिट्टू के आपराधिक इतिहास और उसके गैंग के नेटवर्क के संबंध में भी गहराई से जांच चल रही है। पुलिस का कहना है कि वह जल्द गिरफ्त में होगा।
एसपी सिटी अभिनव त्यागी ने कहा कि तीन आरोपियों ने लेन देने के विवाद के बाद अंबुज की हत्या की थी। दो आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है। वहीं एक आरोपी की तलाश में दबिश दी जा रही है। जल्द ही आरोपी पुलिस की गिरफ्त में होगा। मुख्य आरोपी आयुष का कबूलनामा, पढ़िए- आरोपी आयुष सिंह ने पुलिस पूछताछ में बताया कि अंबुज ने मुझे एक अवैध पिस्टल 40 हजार रुपए में दी थी। वह खराब थी। मैंने पैसे मांगे तो विवाद हो गया। दोस्तों के साथ मिलकर बेसबॉल और डंडे से पीटकर अधमरा कर दिया। फिर उसे कार में डाल लिया। मैंने गला दबा कर मार डाला। फिर कार के अंदर ही कुल्हाड़ी से अंबुज की गर्दन काटकर अलग कर दी। उसकी पहचान न हो, इसलिए न्यूड कर दिया। हाथ में बंधे रक्षा सूत्र उतार दिए। दाएं हाथ की बीच की अंगुली में अंगूठी पहने था, उसे काटकर अलग कर दिया। शव को लेकर हम लोग 50 किमी दूर महराजगंज जिला पहुंचे। श्यामदेउरवां में नहर किनारे झाड़ियों में सिर फेंका। 10 किमी. दूर अंबुज का धड़ भी फेंक दिया। आरोपी बोला- पहचान न हो, इसलिए शव के 2 टुकड़े किए
आयुष ने बताया कि 26 नवंबर को स्पोर्टस कॉलेज के पास हम दोनों ने शराब पी। मेरे साथ मेरे दो दोस्त भी थे। शराब पीने के दौरान मैंने अंबुज से कहा कि तुमने जो पिस्टल दी थी, वह चल नहीं रही है। इसको वापस लेकर मेरे पैसे लौटा दो। पैसों को लेकर हम दोनों में विवाद हो गया। मामला बढ़ा तो मैं कार से बेसबॉल और डंडे बाहर निकाल लाया। मैंने और मेरे दोस्तों ने अंबुज को पीटना शुरू कर दिया। पीट-पीटकर उसे मरणासन्न कर दिया। मैंने ही उसका गला दबा दिया। उसकी मौत हो गई। फिर मैंने दोस्तों से कुल्हाड़ी मंगवाई। उससे उसका धड़ और सिर काटकर अलग किया। पहचान न हो, उसके पूरे कपड़े उतार दिए। अंगूठी वाली उसकी अंगुली काट दी। लाश ठिकाने लगाने महराजगंज गया। एक नवंबर की रात पुलिस ने आरोपी की निशानदेही से महराजगंज से अंबुज की लाश बरामद कराई। साथ ही कुल्हाड़ी भी पुलिस बरामद की। अर्टिका कार आयुष के दोस्त की थी पुलिस ने बताया कि लाश पांच दिन पुरानी हो गई थी। अंबुज का सिर मिला तो उसकी आंखें और जीभ बाहर निकल आईं थीं। धड़ सड़ गया था। शरीर पर पीटने के नीले निशान थे। जिस अर्टिका कार से लाश महराजगंज में फेंकी गई, वह आयुष के दोस्त की थी। मंगलवार सुबह पिता संतोष और उनके रिश्तेदारों को लेकर पुलिस महराजगंज पहुंची। वहां लाश की पहचान कराकर पोस्टमार्टम कराने के लिए भेजा। देर शाम 6:30 बजे एंबुलेंस से शव गोरखपुर के तिवारीपुर थाना क्षेत्र के सूर्यकुंड स्थित घर लाया गया। तनावपूर्ण माहौल की वजह से घर के आसपास 4 थानों की पुलिस और PAC लगाई गई थी। 26 नवंबर को घर से बुलाकर ले गया था आरोपी
26 नवंबर को उनका बेटा अंबुज (20) घर में था। तभी एक अर्टिगा कार आई। उसमें उसका दोस्त आयुष बैठा था। जब मैंने बेटे से पूछा- कहां जा रहे हो तो उसने कहा कि एक हल्दी कार्यक्रम में जा रहा हूं। इसके बाद बेटा घर से चला गया। देर रात कॉल की तो फोन स्विच ऑफ था। अगले दिन यानी 27 नवंबर को भी जब बेटा नहीं लौटा तो सब परेशान हो गए। पत्नी और बेटी रोने लगे। मैंने रिश्तेदारों में भी फोन करके पता किया लेकिन कुछ पता नहीं चला। इसके बाद वह थाने पहुंचे और शिकायत दर्ज कराई। पुलिस ने अंबुज के मोबाइल को सर्विलांस पर लगाया। आसपास के करीब 50 से अधिक CCTV फुटेज देखे। आयुष के घर पुलिस पहुंची। आयुष ने बताया कि मैं उसे एक हल्दी कार्यक्रम में लेकर गया था। जहां मेरी अंबुज से मारपीट हुई। इसके बाद मुझे नहीं पता कि वह कहां चला गया। बयान सुनने के बाद पुलिस ने आयुष को हिरासत में ले लिया। उससे थाने लाकर पूछताछ की तो उसने सच कबूल दिया।


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