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AKTU की एनओसी बिना KIT ने आटोनामस में लिया एडमिशन:छात्रों के हंगामे के बाद AKTU कर रहा जांच, KIT ने फीस-वापसी का दिया विकल्प

कानपुर इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (केआईटी), रूमा ने दो सालों तक छात्रों का दाखिला आटोनॉमस संस्थान के रुप में लिया। जबकि संस्थान ने यूजीसी से अनुमोदन के बाद यूनिवर्सिटी से एनओसी नहीं ली थी। बीते दिनों हुए हंगामे के बाद एकेटीयू की टीम ने आकर मौके पर जांच पड़ताल की। अब पूरे साल ऑटोनॉमस संस्थान द्वारा तैयार पाठ्यक्रम को लेकर पढ़ाई करने वाले छात्रों को अब एकेटीयू द्वारा तैयार सिलेबस के आधार पर एग्जाम देना पड़ेगा। केवल इतना ही नहीं पहले साल संस्थान द्वारा तैयार पाठ्यक्रम के आधार पर परीक्षा पास कर चुके छात्रों के भविष्य पर एकेटीयू की रिपोर्ट के आधार फैसला लिया जाएगा। केआईटी ने छात्रों को फीस वापसी का विकल्प दिया है। लेकिन छात्रों का कहना है कि उनका जो साल बर्बाद हुआ उसकी भरपाई कैसे होगी। छात्र कर रहे हंगामा
केआईटी में पिछले काफी समय से ऑटोनॉमस को लेकर विवाद चल रहा है। छात्रों ने बीते दिनों संस्थान में हंगामा, तोड़फोड़ व आगजनी की थी। छात्रों का कहना था कि उन्होने ऑटोनामस संस्थान जानकर एडमिशन लिया। अब पता चल रहा है कि ऑटोनामस होने में कुछ पेंच फंसा है। उनकी अब दो साल की मेहनत एकेटीयू के फैसले पर निर्भर करती है। बतात चलें कि तोड़फोड़ व आगजनी वाले मामले की जांच पुलिस कर रही है। यह हुई गलती बताते चलें कि केआईटी को यूजीसी की ओर से 10 साल एकेडमिक ऑटोनॉमस का अनुमोदन मिल गया। नियमानुसार किसी भी संस्थान को अगर यूजीसी से ऑटोनॉमस का अनुमोदन मिलता है तो उसे एकेटीयू (या संबद्ध विवि) से एनओसी लेनी होती है। केआईटी ने एकेटीयू ने एनओसी लिए बिना अपना कामकाज शुरु कर दिया और हंगामा खड़ा हो गया। आटोनामस में एडमिशन, परीक्षा का पैटर्न भी बदला केआईटी में एडमिशन प्रक्रिया की बात करें तो एकेडमिक सेशन 2024-25 में आईटी ने ऑटोनाॅमस संस्थान के तहत ही दाखिला लिया। संस्थान ने प्रैक्टिकल 70 और थ्योरी 30 अंक की तय कर परीक्षा कराई गई। जबकि एकेटीयू में 30 अंक के प्रैक्टिकल और 70 अंक की थ्योरी होती है। जिसके आधार पर छात्रों का परिणाम जारी हुआ और उन्होंने दूसरे साल प्रवेश ले लिया। हाईकोर्ट से हार गए केस
एकेटीयू से एनओसी न लेने पर इस प्रक्रिया को रद्द माना गया। तब संस्थान कोर्ट गया। इसके बाद 2025-26 सेशन में भी एडमिशन ऑटोनॉमस संस्थान के रूप में ही लिए गए। हाईकोर्ट में केस हार जाने के बाद संस्थान को अपनी गलती का एहसास हुआ और उन्होंने 2025-26 बैच के छात्रों का एकेटीयू से पंजीकरण करा दिया, जिसके बाद छात्रों का सेंटर दूसरे संस्थान में गया। सेंटर दूसरी जगह जाने पर मामले का खुलासा हुआ। छात्रों का नहीं होगा नुकसान एकेटीयू के अधिकारियों ने आश्वासन दिया है कि छात्रों का नुकसान नहीं होगा, लेकिन छात्रों के मन में अभी संशय है।केआईटी के जिम्मेदारों का कहना है कि कुछ छात्रों ने फीस वापस मांगी है। हालांकि यह छात्र पहले से ही आवेदन कर चुके थे।


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