इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ में एक याचिका दायर की गई है, जिसमें इलाहाबाद और लखनऊ के 90 वकीलों को वरिष्ठ अधिवक्ता नामित करने संबंधी हालिया अधिसूचना को चुनौती दी गई है। न्यायालय ने इन सभी 90 वकीलों को पक्षकार बनाने का आदेश देते हुए उन्हें ई-मेल के माध्यम से नोटिस जारी करने का निर्देश दिया है। न्यायालय ने हाईकोर्ट प्रशासन और संबंधित वकीलों से चार सप्ताह के भीतर जवाब दाखिल करने को कहा है। यह आदेश न्यायमूर्ति शेखर बी सराफ और न्यायमूर्ति राजीव भारती की खंडपीठ ने अधिवक्ता अनुपम मेहरोत्रा की याचिका पर पारित किया। याचिकाकर्ता ने न्यायालय को बताया कि इलाहाबाद हाईकोर्ट के महानिबंधक द्वारा 5 नवंबर 2025 को जारी अधिसूचना में नामित किए गए कई वकील आवश्यक योग्यताएं पूरी नहीं करते हैं। याचिका में आरोप लगाया गया है कि इनमें से कई वकीलों के नाम एक भी एएफआर (ऑल इंडिया रिपोर्टर) जजमेंट में दर्ज नहीं हैं।
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