प्रयागराज के करछना में फौजी विवेक सिंह की हत्या के बाद पुलिस ने ताबड़तोड़ कार्रवाई करते हुए सुबह 7 बजे जानकारी मिलते ही चार टीमें गठित कीं और मात्र तीन घंटे के भीतर सभी पांच आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। सबसे पहले दिनेश कुमार यादव पकड़ा गया, जिसके पास से मिली जानकारी पर बाकी चार आरोपी एएसआई राजकमल पांडेय, सेना में हवलदार राजीव ठाकुर, राजू अग्रहरि और भाईलाल उर्फ भानु यादव भी हिरासत में आ गए। पूछताछ में खुलासा हुआ कि कैसे सड़क पर मामूली साइड को लेकर हुआ विवाद हत्या में बदल गया। सिलसिलेवार पढ़िए- 1. दिनेश का दावा: ‘ओवरटेक में मामला भड़का’ सबसे पहले पकड़े गए दिनेश कुमार यादव, जो खुद को अधिवक्ता बताता है, ने कहा कि वह साथियों के साथ शादी से लौट रहा था। टोंस नदी पुल के पास आगे चल रही कार को कई बार हॉर्न देने पर भी रास्ता नहीं मिला। साइड मिलते ही उसने गुस्से में ओवरटेक कर कार रोक दी। नीचे उतरते ही विवेक से कहासुनी हुई और उसी दौरान किसी ने हमला कर दिया। उसने माना कि स्कॉर्पियो उसी की थी और वही चला रहा था। 2. एएसआई राजकमल: ‘हमले किसने किया पता नहीं’ दूसरा आरोपी राजकमल पांडेय मिर्जापुर पुलिस की रेडियो शाखा में हेड ऑपरेटर (सब इंस्पेक्टर रैंक) पर तैनात है। उसने पूछताछ में पुलिस को बताया कि विवाद होते ही वह स्कॉर्पियो से उतरकर नीचे आया। विवेक ने खुद को फौजी बताया तो उसने भी पुलिस आईकार्ड दिखाया। उसके मुताबिक बहस अचानक बढ़ गई और किसी ने वार कर दिया। वह दावा करता है कि उसे नहीं पता चल पाया हमला किसने किया। 3. हवलदार राजीव इंदौर में तैनात, बोला ‘समझाने उतरा था’ तीसरे आरोपी राजीव कुमार ठाकुर सेना में हवलदार के पद पर तैनात है और मौजूदा पोस्टिंग इंदौर में है। उसने कहा कि वह सिर्फ मामला शांत कराने उतरा था, लेकिन विवाद पलभर में बढ़ गया। झगड़े के बीच विवेक पर हमला हुआ, हालांकि उसका दावा है कि उसने वार होते नहीं देखा। 4. राजू प्लाॅटर, ‘अफरा-तफरी में कुछ समझ नहीं आया’ चौथा आरोपी राजू अग्रहरि प्लाटिंग करता है। उसने कहा कि वह सिर्फ शादी में शामिल होने गया था। रास्ते में विवाद के दौरान धक्का-मुक्की और चिल्लाहट में अफरा-तफरी मच गई और कार से उतरा युवक लहूलुहान होकर गिर पड़ा। इसके बाद वह घबरा गया और स्कॉर्पियो में बैठकर साथियों के साथ निकल गया। 5. भाईलाल उर्फ भानु: ‘वार करने वाले को नहीं देखा’ पांचवां आरोपी भाईलाल उर्फ भानु यादव टेंपो चलाने का काम करता है। उसका कहना है कि वह पीछे खड़ा था और केवल विवाद होते देख रहा था। किसने वार किया, यह उसे नहीं पता। कार चालक के गिरते ही वह भी साथियों के साथ स्कॉर्पियो में बैठकर भाग निकला। परिजनों ने लगाया आरोप, नशे में थे आरोपी मृतक के परिवार और चश्मदीद करन सिंह का दावा है कि सभी आरोपी नशे में थे। लेकिन पुलिस का कहना है कि आरोपी मौके पर नहीं पकड़े गए, इसलिए मेडिकल से नशे की पुष्टि तत्काल संभव नहीं थी। फिलहाल पूछताछ में सभी ने शराब पीने की बात से इनकार किया। मर्डर का मोड़: साइड–रेस से मौत तक वारदात के वक्त फौजी विवेक टाटा पंच चला रहे थे, जबकि स्कॉर्पियो दिनेश चला रहा था। मामूली साइड न मिलने से शुरू हुआ विवाद कुछ ही मिनट में हत्या तक पहुंच गया। पुलिस का अगला एक्शन, खंगाल रही कुंडली पुलिस टीमें अब आरोपियों के बयान, चश्मदीद करन की गवाही, मोबाइल लोकेशन और साइंटिफिक एविडेंस के आधार पर पूरी वारदात की जांच पड़ताल में जुड़ गई है। आरोपियों की कुंडली भी खंगाली जा रही है। उधर घटना में प्रयुक्त स्कॉर्पियो भी कब्जे में ले ली गई है। निलंबन की संस्तुति करते हुए भेजी गई रिपोर्ट उधर इस मामले में रेडियो शाखा की हेड ऑपरेटर की गिरफ्तारी के बाद उसके निलंबन की कार्रवाई भी शुरू कर दी गई है। प्रयागराज पुलिस की ओर से मिर्जापुर पुलिस को हत्या के मामले में आरोपी की गिरफ्तारी की सूचना दे दी गई है। साथ ही उसके निलंबन की संस्तुति करते हुए रिपोर्ट भी भेजी गई है। माना जा रहा है कि एक या दो दिनों में उसे निलंबित भी कर दिया जाएगा।
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