मेरठ के जीआईसी ग्राउंड में लगी खादी एवं ग्रामोद्योग प्रदर्शनी में इस बार हींग खास आकर्षण का केंद्र बनी हुई है। हाथरस स्थित यर्ष ग्रामोद्योग संस्थान की यह यूनिट देश की एकमात्र हींग प्रोसेसिंग यूनिट है, जहां विदेशों से आने वाली कच्ची हींग का प्रशोधन कर उसे अलग-अलग क्वालिटी में तैयार किया जाता है। इस प्रदर्शनी में विक्रेता कजाकिस्तान, उज्बेकिस्तान, अफगानिस्तान, तुर्कमेनिस्तान की हींग लेकर आये है। प्रदर्शनी में कजाकिस्तान की हींग अपनी तेज खुशबू और खास स्वाद के कारण लोगों को सबसे ज्यादा आकर्षित कर रही है। संस्थान के अनुसार, हर देश की हींग की महक और स्वाद अलग होता है, कोई भी क्वालिटी एक जैसी नहीं होती। प्रदर्शनी के काउंटर पर फिलहाल 17 प्रकार की हींग उपलब्ध है। यहां 10 ग्राम हींग की कीमत 50 रुपए से लेकर 700 रुपए तक है, जो उसकी शुद्धता और क्वालिटी पर निर्भर करती है। एक ही देश की शुद्ध हींग को उसी देश के नाम से बेचा जा रहा है, जबकि दो देशों की हींग को मिलाकर तैयार की गई किस्म को ‘बंदानी’ नाम दिया गया है। यर्ष ग्रामोद्योग संस्थान के प्रतिनिधि ने बताया कि हींग की कई किस्में तैयार की जा सकती हैं और यह पूरा काम ग्रामोद्योग आधारित है। उन्होंने प्रदर्शनी के माध्यम से बेरोजगार युवाओं से जुड़ने की अपील की और कहा कि प्रशिक्षण लेकर युवा अपने लिए रोजगार शुरू कर सकते हैं। मेरठ में लगी इस ग्रामोद्योग प्रदर्शनी में विदेशी हींग का देसी अंदाज न सिर्फ लोगों को आकर्षित कर रहा है, बल्कि खादी और ग्रामोद्योग को भी नई पहचान दिला रहा है।
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