‘अंबुज ने मुझे एक अवैध पिस्टल 40 हजार रुपए में दी थी। वह खराब थी। मैंने पैसे मांगे तो विवाद हो गया। दोस्तों के साथ मिलकर बेसबॉल और डंडे से पीटकर अधमरा कर दिया। फिर उसे कार में डाल लिया। मैंने गला दबा कर मार डाला। फिर कार के अंदर ही कुल्हाड़ी से अंबुज की गर्दन काटकर अलग कर दी। उसकी पहचान न हो, इसलिए न्यूड कर दिया। हाथ में बंधे रक्षा सूत्र उतार दिए। दाएं हाथ की बीच की अंगुली में अंगूठी पहने था, उसे काटकर अलग कर दिया। शव को लेकर हम लोग 50 किमी दूर महराजगंज जिला पहुंचे। श्यामदेउरवां में नहर किनारे झाड़ियों में सिर फेंका। 10 किमी. दूर अंबुज का धड़ भी फेंक दिया।’ यह कबूलनामा है अंबुज के जिगरी दोस्त आयुष सिंह का। पुलिस ने अंबुज की हत्या में उसे मुख्य आरोपी बनाया है। एक मांगलिक कार्यक्रम में उसे बुलाकर आयुष ही लेकर गया था। घर वापस नहीं लौटने पर परिजन ने पुलिस में मिसिंग कप्लेन की। पुलिस ने पूछताछ के लिए हिरासत में लिया तो बताया कि उसने हत्या कर लाश को ठिकाने लगा दी है। हत्यारोपी आयुष की निशानदेही पर ही पुलिस ने शवों के टुकड़ों को बरामद भी किया। मंगलवार को पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों को सौंपा गया। एंबुलेंस में ही पिता ने बेटे का पिंडदान किया। पढ़िए पूरी रिपोर्ट आयुष घर से अंबुज को लेकर गया था
एसपी सिटी अभिनव त्यागी ने बताया कि 28 नवंबर को तिवारीपुर थाने में सूर्यविहार कालोनी के संतोष मणि त्रिपाठी ने अपने बेटे की गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई थी। उन्होंने बताया था कि 26 नवंबर को उनका बेटा अंबुज (20) घर में था। तभी एक अर्टिगा कार आई। उसमें उसका दोस्त आयुष बैठा था। जब मैंने बेटे से पूछा- कहां जा रहे हो तो उसने कहा कि एक हल्दी कार्यक्रम में जा रहा हूं। इसके बाद बेटा घर से चला गया। देर रात कॉल की तो फोन स्विच ऑफ था। अगले दिन यानी 27 नवंबर को भी जब बेटा नहीं लौटा तो सब परेशान हो गए। पत्नी और बेटी रोने लगे। मैंने रिश्तेदारों में भी फोन करके पता किया लेकिन कुछ पता नहीं चला। इसके बाद वह थाने पहुंचे और शिकायत दर्ज कराई। पुलिस ने अंबुज के मोबाइल को सर्विलांस पर लगाया। आसपास के करीब 50 से अधिक CCTV फुटेज देखे। आयुष के घर पुलिस पहुंची। आयुष ने बताया कि मैं उसे एक हल्दी कार्यक्रम में लेकर गया था। जहां मेरी अंबुज से मारपीट हुई। इसके बाद मुझे नहीं पता कि वह कहां चला गया। बयान सुनने के बाद पुलिस ने आयुष को हिरासत में ले लिया। उससे थाने लाकर पूछताछ की तो उसने सच कबूल दिया। आरोपी बोला- पहचान न हो, इसलिए शव के 2 टुकड़े किए
आयुष ने बताया कि 26 नवंबर को स्पोर्टस कॉलेज के पास हम दोनों ने शराब पी। मेरे साथ मेरे दो दोस्त भी थे। शराब पीने के दौरान मैंने अंबुज से कहा कि तुमने जो पिस्टल दी थी, वह चल नहीं रही है। इसको वापस लेकर मेरे पैसे लौटा दो। पैसों को लेकर हम दोनों में विवाद हो गया। मामला बढ़ा तो मैं कार से बेसबॉल और डंडे बाहर निकाल लाया। मैंने और मेरे दोस्तों ने अंबुज को पीटना शुरू कर दिया। पीट-पीटकर उसे मरणासन्न कर दिया। मैंने ही उसका गला दबा दिया। उसकी मौत हो गई। फिर मैंने दोस्तों से कुल्हाड़ी मंगवाई। उससे उसका धड़ और सिर काटकर अलग किया। पहचान न हो, उसके पूरे कपड़े उतार दिए। अंगूठी वाली उसकी अंगुली काट दी। लाश ठिकाने लगाने महराजगंज गया। एक नवंबर की रात पुलिस ने आरोपी की निशानदेही से महराजगंज से अंबुज की लाश बरामद कराई। साथ ही कुल्हाड़ी भी पुलिस बरामद की। अर्टिका कार आयुष के दोस्त की थी पुलिस ने बताया कि लाश पांच दिन पुरानी हो गई थी। अंबुज का सिर मिला तो उसकी आंखें और जीभ बाहर निकल आईं थीं। धड़ सड़ गया था। शरीर पर पीटने के नीले निशान थे। जिस अर्टिका कार से लाश महराजगंज में फेंकी गई, वह आयुष के दोस्त की थी। मंगलवार सुबह पिता संतोष और उनके रिश्तेदारों को लेकर पुलिस महराजगंज पहुंची। वहां लाश की पहचान कराकर पोस्टमार्टम कराने के लिए भेजा। देर शाम 6:30 बजे एंबुलेंस से शव गोरखपुर के तिवारीपुर थाना क्षेत्र के सूर्यकुंड स्थित घर लाया गया। तनावपूर्ण माहौल की वजह से घर के आसपास 4 थानों की पुलिस और PAC लगाई गई थी। एंबुलेंस में पिंडदान हुआ, मां बोली- अंबुज को घर के अंदर लाओ अंबुज की डेडबॉडी जब घर पहुंची तो मां रेखा त्रिपाठी और बहन राधा बेसुध हो गईं। परिवार के लोगों ने दोनों काे संभाला। मां बार-बार अपने बेटे का नाम बोल रही थी कि रिशू को घर के अंदर लाओ। कहकर गया था कि अभी आ रहा हूं। मैं अगर जानती कि मेरा बेटा कभी नहीं आएगा, तब उसे नहीं जाने देती। पिता चुपचाप एंबुलेंस में बैठकर बेटे का शव निहार रहे थे। पिता से एंबुलेंस के अंदर ही पिंडदान और गोदान कराया गया। करीब 15 मिनट बाद शव काे एंबुलेंस से ही राजघाट रवाना कर दिया गया। जहां सैकड़ों लोगों के बीच रोते हुए पिता ने बेटे का दाह संस्कार किया। इस दौरान चप्पे चप्पे पर पुलिस फोर्स तैनात रही। बता दें कि अंबुज इकलौता बेटा था। पिछले साल इंटरमीडिएट परीक्षा में फेल हो गया था। छोटी बहन राधा, 11वीं की स्टूडेंट है। पिता संतोष, बीमा एजेंट हैं जबकि मां हाउसवाइफ। पुलिस ने हत्या और अपहरण की धारा में केस दर्ज किया एसपी सिटी अभिनव त्यागी ने बताया कि आरोपियों के मोबाइल फोन का लोकेशन भी घटनास्थल के पास मिला था। आयुष सिंह समेत दो आरोपियों को तिवारीपुर पुलिस ने अरेस्ट कर लिया है। आयुष मुख्य आरोपी है। आयुष और अंबुज जिगरी यार थे। वह हमेशा अंबुज के घर आता जाता था। पुलिस ने गुमशुदगी के मुकदमे को हत्या, अपहरण, सबूत नष्ट करने और षड्यंत्र की धारा में तब्दील कर दी है। तीसरे हत्यारोपी की तलाश की जा रही है। ……………………………. ये खबर भी पढ़िए- आजमगढ़ में महिला की मौत, अखिलेश ने दिखाया बड़ा दिल:पति को एक लाख कैश दिया; DM से कहा- आप भी मदद कीजिए आजमगढ़ में मंगलवार को परिवहन निगम की बस की चपेट में आकर एक महिला की मौत हो गई। इससे आक्रोशित गांववालों ने आजमगढ़-मऊ हाईवे पर शव रखकर सड़क पर जाम लगा दिया। इस जाम में सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव भी फंस गए। वह करीब 40 मिनट तक जाम में फंसे रहे। इस बीच अखिलेश ने डीएम को फोन करके मुआवजा दिलाने की मांग की। साथ ही महिला के परिवार की खुद भी 1 लाख की मदद की। घटना मुबारकपुर थाना क्षेत्र के मऊ बॉर्डर पर हरैया चट्टी की है। मंगलवार को अखिलेश, पूर्व विधायक सुधाकर सिंह को श्रद्धांजलि देने मऊ जा रहे थे। तभी रास्ते में जाम में फंस गए। पढ़ें पूरी खबर
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