जिले में चल रहे विशेष निराश्रित गोवंश संरक्षण अभियान के चौथे दिन तक कुल 383 निराश्रित और आवारा पशुओं को सुरक्षित आश्रय स्थलों तक पहुंचाया गया है। शासन के निर्देश पर शुरू हुए इस अभियान ने गति पकड़ ली है। मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ. ए.के. सिंह ने बताया कि यह अभियान जनपद के सभी विकास खंडों और ग्राम पंचायतों में चलाया जा रहा है। प्रशासनिक और पशुपालन विभाग की टीमें लगातार क्षेत्र में भ्रमण कर रही हैं और सूचना मिलने पर त्वरित कार्रवाई कर रही हैं। डॉ. सिंह के अनुसार, जहां भी छुट्टा पशुओं की जानकारी मिलती है, संबंधित ग्राम प्रधान, लेखपाल और स्थानीय ग्रामीणों की सहायता से उन्हें पकड़ा जाता है। इन पशुओं को गौशालाओं और अस्थायी आश्रय स्थलों में भेजा जा रहा है, जिसका मुख्य उद्देश्य किसानों की फसलों को होने वाले नुकसान को रोकना है। अभियान के तहत, नगर पालिका और नगर पंचायतों के क्षेत्रों से अब तक 101 छुट्टा पशुओं को संरक्षण दिया गया है। वहीं, ग्रामीण इलाकों में यह संख्या 282 तक पहुंच गई है। पशु चिकित्सकों की टीम इन पशुओं की लगातार स्वास्थ्य जांच भी कर रही है। अधिकारियों ने ग्रामीणों और नगरवासियों से अपील की है कि यदि किसी क्षेत्र में निराश्रित गोवंश दिखाई दें तो तुरंत इसकी सूचना दें, ताकि उन्हें सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया जा सके। प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि यह अभियान जारी रहेगा और निराश्रित पशुओं को सड़कों या खेतों में खुले छोड़ने की अनुमति नहीं दी जाएगी।
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