मथुरा में जीआरपी पुलिस ने मानवता की मिसाल पेश करते हुए राजस्थान के सवाई माधोपुर से गुम हुए दो बच्चों को उनके परिजनों से मिलाया। करीब 300 किलोमीटर दूर भटककर मथुरा पहुंचे इन बच्चों को सकुशल उनके माता-पिता को सौंपा गया। यह घटना मथुरा जंक्शन रेलवे स्टेशन पर सामने आई। चेकिंग के दौरान पुलिस को सूचना मिली कि दो छोटे बच्चे लावारिस हालत में प्लेटफॉर्म पर घूम रहे हैं। उप निरीक्षक विपिन कुमार कटारिया अपनी क्यूआरटी टीम के साथ तुरंत मौके पर पहुंचे। टीम में हेड कॉन्स्टेबल सुरेश चन्द्र, हेड कॉन्स्टेबल दीपक पचौरी और स्टेशन पर तैनात चाइल्ड लाइन के कर्मचारी शामिल थे। पुलिस ने तत्परता दिखाते हुए दोनों बच्चों को अपनी सुरक्षा में लिया। पूछताछ में बच्चों ने बताया कि वे सवाई माधोपुर, राजस्थान के निवासी हैं। वे मथुरा-वृंदावन के दर्शन करने की इच्छा से घर से निकले थे, लेकिन अनजाने सफर में अपने रास्ते और परिजनों से बिछड़ गए। जीआरपी पुलिस ने तुरंत संबंधित थानों और बच्चों के परिजनों से संपर्क किया। सूचना मिलने पर परिजन मथुरा पहुंचे। थाना जीआरपी मथुरा परिसर में बच्चों को उनके माता-पिता के सुपुर्द किया गया। परिजनों ने बताया कि वे बच्चों की तलाश में दर-दर भटक चुके थे और पूरा परिवार उनकी गुमशुदगी से बेहाल था। बच्चों को वापस पाकर परिवार की आंखों में खुशी के आंसू छलक पड़े। जीआरपी प्रभारी यादराम सिंह ने बताया कि ‘ऑपरेशन मुस्कान’ के तहत बच्चों को सुरक्षित उनके परिवार से मिलाना पुलिस की प्राथमिकता है। परिजनों ने जीआरपी मथुरा की कार्यप्रणाली और मानवीय पहल की सराहना करते हुए धन्यवाद व्यक्त किया।
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