KGMU के ट्रॉमा सेंटर की CT स्कैन मशीन 30 नवंबर से खराब है। ट्रॉमा सेंटर में आने वाले मरीजों की जांच नहीं हो पा रही है। मरीजों को जांच के लिए पीआरओ बिल्डिंग या शताब्दी बिल्डिंग भेजा जा रहा है, जहां लंबी लाइन लगी रहती है। 5-6 घंटे की लंबी वेटिंग की वजह से मरीजों की तबीयत बिगड़ जा रही है। सबसे ज्यादा समस्या हेड इंजरी और ब्रेन स्ट्रोक वाले मरीजों को हो रही है, क्योंकि उन्हें तत्काल CT स्कैन कराना होता है। उसी हिसाब से इलाज होता है। मरीजों की समस्या जानने भास्कर रिपोर्टर ग्राउंड जीरो पर पहुंचा। ट्रॉमा सेंटर में आए मरीजों के तीमारदारों और सेंटर प्रभारी से बातचीत की। पता चला कि यहां प्रतिदिन डेढ़ से दो सौ मरीज आते हैं। तीमारदारों ने कहा- एक बिल्डिंग से दूसरी बिल्डिंग का चक्कर कटवाया जा रहा है। हर जगह 5-6 घंटे की वेटिंग है। जांच के बिना सही इलाज नहीं मिल रहा है। वहीं, सेंटर प्रभारी डॉ. प्रेमराज सिंह ने कहा- अल्टरनेट व्यवस्था की गई है। मरीजों को दिक्कत नहीं हो रही है। जल्द ही मशीन सही हो जाएगी। पढ़िए पूरी रिपोर्ट… ‘2 घंटे लाइन में लगा रहा, लेकिन पैसा नहीं जमा हुआ’ सिद्धार्थनगर निवासी विपिन शुक्ला कहते हैं- CT स्कैन जांच नहीं हो पा रही है। मैं जांच कराने के लिए 2 घंटे लाइन में लगा रहा। इसके बाद भी पैसा नहीं जमा किया गया। कहा गया कि जांच नहीं हो पाएगी। इसके बाद दूसरी जगह गया, तब पता चला की मशीन खराब है। दूसरी जगह जांच होगी। ट्रॉमा सेंटर में ही से 3-4 घंटे लाइन में खड़े होने में लग गया। बाकी जगह जाने पर कितना समय लगेगा, इसका कोई अंदाजा नहीं है। हर जगह 5-6 घंटे की वेटिंग है। जांच न होने से इलाज का संकट है। कोई सुनवाई नहीं हो रही है। मरीज तो गंभीर हालत में है ही, तीमारदारों इलाज के लिए भटकते-भटकते बीमार हो रहे हैं। बहुत परेशानी है। ये मशीन जल्द ठीक होनी चाहिए। ‘प्राइवेट सेंटरों पर जांच करने को मजबूर हैं’ सुल्तानपुर से आए वैभव सिंह कहते हैं- ट्रॉमा सेंटर में CT स्कैन मशीन न चलने से बहुत परेशानी हो रही है। दर-दर ठोकर खाने की मजबूर हूं। पीआरओ बिल्डिंग या शताब्दी बिल्डिंग में जांच के लिए भेजा जा रहा है। वहां पहले से ही लाइन है। प्राइवेट सेंटरों में जांच कराने को मजबूर हैं। ‘हर मरीज को मिल रहा इलाज’ KGMU ट्रॉमा सेंटर के प्रभारी डॉ. प्रेमराज सिंह ने बताया- अचानक से मशीन ब्रेकडाउन होने से यह समस्या आ गई। इसके पार्ट जर्मीन से मंगाए गए हैं। पार्ट मुंबई एयरपोर्ट पर पहुंच गया है। पार्ट के लखनऊ पहुंचते ही मशीन सही करा दी जाएगी। मरीज को इलाज में कोई परेशानी ना हो इसके लिए अल्टरनेट व्यवस्था की गई है। पीआरओ बिल्डिंग, शताब्दी बिल्डिंग और जरूरत पड़ने पर लिंब सेंटर में भी CT स्कैन कराया जा रहा है। मरीज को किसी तरह की असुविधा न हो इसके लिए एम्बुलेंस लगाई गई है।
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