लखनऊ के गाजीपुर थाना क्षेत्र के बस्तौली गांव में छत पर खेल रही बच्ची के सिर में गोली लग गई। गोली कहां से आई, किसने चलाई ये पता नहीं चल पाया। इतनी गनीमत रही कि गोली टिन शेड को चीरते हुए आई थी इसलिए उसमें फोर्स काफी कम हो गया था जिससे बच्ची की जान बच गई। बच्ची के पिता ने थाने में शिकायत देकर मुकदमा दर्ज करवाया है। गंभीर रूप से घायल बच्ची को अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने 5 घंटे तक ऑपरेशन कर उसके सिर से गोली निकाल ली। अभी बच्ची ट्रॉमा सेंटर के आईसीयू वार्ड में भर्ती है। बच्ची रमेश की बेटी लक्ष्मी है। पहले वाले डॉक्टर ने लगा दिए थे टांके गाजीपुर थाना क्षेत्र के बस्तौली गांव निवासी रमेश ने बताया कि उनकी 3 वर्षीय बेटी लक्ष्मी घर की छत पर बने टीन शेड के नीचे भाई सौभाग्या (8) और हिमांश (7) के साथ खेल रही थी। इसी दौरान अचानक तेज आवाज हुई और लक्ष्मी के सिर से खून निकलने लगा। बच्ची की चीख-पुकार सुनकर सब लोग घबरा गए और तुरंत उसे मेघना अस्पताल लेकर पहुंचे, जहां सिर में टांके लगाए गए। रात में तबीयत बिगड़ने लगी तो पहुंचे सरकारी अस्पताल रात में बच्ची की तबीयत फिर बिगड़ने पर परिजन उसे राम मनोहर लोहिया अस्पताल ले गए। जांच के दौरान डॉक्टरों ने बताया कि बच्ची के सिर में गोली फंसी हुई है। अस्पताल में बेड न होने के कारण उसे ट्रॉमा सेंटर रेफर कर दिया गया। ट्रॉमा सेंटर में सीटी स्कैन के बाद बच्ची का ऑपरेशन कर सिर से गोली निकाल दी गई। फिलहाल बच्ची का इलाज जारी है। पीड़ित पिता रमेश ने बताया कि बच्ची को गोली कहां से लगी और किसने चलाई इसका पता नहीं चला पाया है। पीड़ित ने इस मामले की गाजीपुर थाने में शिकायत की है। पुलिस ने मुकदमा दर्ज करके जांच शुरू कर दी है। गोली कहां से आई और किसने चलाई इन तमाम पहलुओं पर काम किया जा रहा है। बच्ची ट्रॉमा सेंटर के आईसीयू में भर्ती है दादा विक्की ने बताया कि बड़े भाई रमेश की बेटी परिवार के दो और बच्चों के साथ छत पर खेल रही थी। एकदम से काफी तेज आवाज आई। आवाज इतनी तेज थी कि अगल-बगल के लोगों को भी सुनाई दी। उसके बाद बच्चे के सर से खून निकलने लगा। उसके साथ खेलने दोनों बच्चे भी रोने लगे हैं। उनकी आवाज सुनकर परिवारीजन जब छत पर पहुंचे तो देखा खूनी खून था। उसके बाद उसको लेकर के अस्पताल भागे हम लोगों को लगा कि खेल खेल में चोट लग गई होगी। नजदीकी अस्पताल में ले गए जहां उसकी ड्रेसिंग करवाने के साथ डॉक्टर ने टांके लगाकर वापस भेज दिया। शाम को फिर उसकी हालत बिगड़ी तब उसको लोहिया अस्पताल ले गए जहां पता चला कि गोली लगी है। कल रात में करीब 8:00 बजे उसको ऑपरेशन के लिए ले गए और रात 1:00 बजे तक उसका ऑपरेशन चला। गोली कहां से आई इसका कोई आइडिया ही नहीं है। यह तो तब पता चला जब सीटी स्कैन हुआ। निजी अस्पताल के डॉक्टर ने समझी आम चोट
परिजनों का कहना है कि जब वह बच्ची को लेकर के नजदीकी मेघना हॉस्पिटल लेकर पहुंचे तो स्टाफ ने चोट समझकर टांका लगा दिया और ड्रेसिंग करके भेज दिया। परिजनों कहना है कि अस्पताल अगर समय से सीटी स्कैन या दूसरी जांच करवा लेता है तो बच्ची का इलाज और पहले से शुरू हो जाता। पुलिस के लिए पहेली बनी गोली, किसने चलाई?
सूचना मिलने पर पुलिस मौके पर पहुंची और जांच शुरू कर दी। पुलिस जब छत पर गई तो उसने देखा कि टिन पर गोली का निशान है। पुलिस ने इसके बाद आसपास के घरों से भी पूछताछ की। अभी तक की जांच में सामने आया है कि परिवार या आसपास के घरों में किसी के पास लाइसेंसी हथियार नहीं है। ऐसे में पुलिस के लिए मामला पहेली बन गया है। ………………………………… यह खबर भी पढ़ें मॉकड्रिल- लखनऊ में ट्रेनें टकराईं, बोगियों में आग: बचाओ-बचाओ चिल्लाने लगे यात्री; NDRF ने रेस्क्यू किया, ड्रिल से डिब्बे काटे लखनऊ के आलमबाग में दो ट्रेनों में भीषण टक्कर हो गई। कुछ बोगियों में आग भी लग गई। ट्रेनों में बैठे यात्री बचाओ-बचाओ चिल्लाने लगे। सूचना मिलते ही मौके पर तत्काल RPF, GRP और NDRF के जवान पहुंच गए। जवानों ने तुरंत रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया। यहां पढ़ें पूरी खबर
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