कुशीनगर जिला मुख्यालय पर उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के दौरे से ठीक पहले एक परिवार ने जिलाधिकारी कार्यालय के गेट पर आमरण अनशन शुरू कर दिया है। परिवार का आरोप है कि उनकी 12 वर्षीय बेटी पिछले तीन महीने से लापता है, लेकिन पुलिस अभी तक उसका कोई सुराग नहीं लगा पाई है। पीड़ित परिवार के मुताबिक, घटना 5 अगस्त 2025 की शाम करीब 6 बजे की है। उनकी 12 वर्षीय बेटी सोनी अपने भाई लड्डू उर्फ अनमोल के साथ भैंस चराने गई थी। भैंस ने सुरेश प्रधान के खेत में गन्ने की फसल को नुकसान पहुंचाया। इसके बाद सुरेश, इंद्रेश (भूखल के बेटे), कृष्णानंद (इंद्रेश का बेटा), रामसमुज और जयबिंद (सुरेश के बेटे) ने भैंस को घेर लिया। उन्होंने लड्डू से उसके पिता को बुलाने को कहा। परिवार का आरोप है कि जब लड्डू अपने पिता को बुलाने गया, तो सुरेश और पांच अन्य लोगों ने सोनी का अपहरण कर लिया। परिवार ने सुरेश के खिलाफ थाने में लिखित शिकायत दर्ज कराई थी। इसके बाद अज्ञात के खिलाफ अपराध संख्या 247/25, धारा 137(2) बीएनएसएस के तहत मामला दर्ज किया गया। घटना को अब साढ़े तीन महीने से अधिक का समय हो चुका है। परिवार ने थाने से लेकर कुशीनगर के पुलिस अधीक्षक (एसपी) और गोरखपुर के अपर पुलिस महानिदेशक (एडीजी) तक दो बार शिकायतें भेजीं, लेकिन उनकी समस्या का समाधान नहीं हो सका। परिवार का आरोप है कि पुलिस उन्हें लगातार आश्वासन देती रही, लेकिन उनकी बेटी को बरामद करने में विफल रही। अब उन्हें संदेह है कि इस मामले में शामिल लोगों ने उनकी बेटी की हत्या कर शव को छिपा दिया है। सभी जगह से निराशा मिलने के बाद, परिवार ने 24 नवंबर 2025 को सुबह 10 बजे से जिलाधिकारी कार्यालय के गेट पर आमरण अनशन शुरू करने की चेतावनी दी थी, यदि एक सप्ताह के भीतर उनकी बेटी नहीं मिली। इसी बीच, अपर जिलाधिकारी (एडीएम) ने पीड़ित परिवार से मुलाकात की। इस मुलाकात के दौरान लापता बेटी की मां भावुक हो गईं और रोने लगीं।
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