गोंडा नगर पालिका परिषद के पूर्व अध्यक्ष रूपेश कुमार उर्फ निर्मल श्रीवास्तव को 21 साल पुराने बलवा, आगजनी और उपद्रव के एक मामले में न्यायालय ने भगोड़ा घोषित किया है। मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट अमित सिंह की अदालत ने शुक्रवार को यह आदेश जारी किया। सुनवाई के दौरान, निर्मल श्रीवास्तव के कई बार तलब किए जाने के बावजूद अदालत में उपस्थित न होने पर पहले गैर-जमानती वारंट जारी किया गया था। पुलिस द्वारा उन्हें गिरफ्तार कर अदालत में पेश करने में विफल रहने के बाद यह फैसला आया। अदालत ने निर्मल श्रीवास्तव की चल-अचल संपत्ति कुर्क करने का भी आदेश दिया है। पुलिस की निष्क्रियता को गंभीर लापरवाही मानते हुए, अदालत ने एसपी को स्वयं गैर-जमानती वारंट और कुर्की आदेश का तामीला सुनिश्चित कराने का सख्त निर्देश दिया। इस आदेश की एक प्रति एसपी को भेजी गई है ताकि भगोड़े रूपेश कुमार उर्फ निर्मल श्रीवास्तव पर आवश्यक कार्रवाई की जा सके। यह मामला 7 सितंबर 2004 का है, जब बिजली आपूर्ति की अव्यवस्था को लेकर बड़ी संख्या में लोग इन्कैन चौराहे पर एकत्र हुए थे। आरोप है कि उग्र भीड़ ने समाजवादी पार्टी कार्यालय और एक शोरूम में तोड़फोड़ की, एक रोडवेज बस में आग लगाई और पुलिस टीम पर ईंट-पत्थर फेंके। तत्कालीन वरिष्ठ उपनिरीक्षक वीरेंद्र सिंह ने नगर कोतवाली में इस संबंध में रिपोर्ट दर्ज कराई थी। पुलिस ने जांच के बाद निर्मल श्रीवास्तव, अनूप श्रीवास्तव, चुन्नू उर्फ सरजू, भोला सोनी, अविनाश श्रीवास्तव, राधेश्याम, कौशल, कैलाश श्रीवास्तव, साबिर बोरिंग वाले सहित कुल 17 आरोपियों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया था। जिसको लेकर के न्यायालय में पूरे मामले की सुनवाई चल रही है कई बार न्यायालय द्वारा इन्हें तलब किया गया लेकिन यह न्यायालय के आदेशों की अवहेलना करके न्यायालय में नहीं पेश हो रहे थे। इस मामले पर गोंडा के नगर कोतवाल विवेक त्रिवेदी ने बताया कि उन्हें अभी तक न्यायालय का कोई पत्र नहीं मिला है। उन्होंने आश्वस्त किया कि न्यायालय के आदेश का पूरा पालन किया जाएगा और पुलिस द्वारा किसी भी आदेश का उल्लंघन नहीं किया जाता है। पत्र मिलने के बाद ही वे आगे की कार्रवाई के संबंध में कुछ कह पाएंगे।
https://ift.tt/ONDuHy8
🔗 Source:
Visit Original Article
📰 Curated by:
DNI News Live

Leave a Reply