जौनपुर में प्रतिबंधित कोडीन कफ सिरप के अवैध कारोबार में शामिल 20 मेडिकल स्टोर संचालकों के लाइसेंस रद्द किए जाएंगे। इलाहाबाद उच्च न्यायालय द्वारा शुक्रवार को इन संचालकों की याचिका खारिज होने के बाद जिला औषधि निरीक्षक ने यह कार्रवाई शुरू की है। प्रदेश शासन द्वारा चलाए गए अभियान में पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए यह कदम उठाया गया है। एफआईआर दर्ज होने के बाद अब सभी 20 मेडिकल स्टोरों के लाइसेंस निरस्त करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। जो दुकानें भौतिक रूप से संचालित नहीं हैं, उनके खिलाफ अलग से सख्त कार्रवाई की जाएगी। इसके अतिरिक्त, सात अन्य मेडिकल स्टोरों को भी चिह्नित कर उन्हें कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। इन स्टोरों से कोई संतोषजनक जवाब न मिलने पर उच्च अधिकारियों को रिपोर्ट भेजी गई है, जिससे संकेत मिलता है कि ये भी फर्जीवाड़े में शामिल हैं। ऐसे में इनके लाइसेंस भी रद्द किए जा सकते हैं। जिला औषधि निरीक्षक रजत कुमार पांडेय की रिपोर्ट में चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। जांच में सामने आया है कि जिले में कोडीन युक्त प्रतिबंधित कफ सिरप की भारी मात्रा में खरीद-बिक्री की गई। औषधि अनुज्ञप्ति की आड़ में कूटरचित बिलों के आधार पर इसे गैर-चिकित्सा उपयोग के लिए नशे के रूप में खुले बाजार में अवैध रूप से बेचा गया। इस पूरे अवैध कारोबार के पीछे फर्म संचालकों का एकमात्र उद्देश्य अधिक धन कमाना था। उन्होंने सरकारी मानकों और आम जनता पर पड़ने वाले दुष्प्रभावों की परवाह नहीं की। प्रदेश शासन ने इसे एक गंभीर संज्ञेय अपराध मानते हुए सभी संचालकों के लाइसेंस रद्द करने और उनके खिलाफ अन्य गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई करने की गोपनीय तैयारी शुरू कर दी है।
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