गोरखपुर शहर के लोगों के लिए राहत भरी खबर है। शहर में यातायात व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए धर्मशाला–गोरखनाथ मंदिर मार्ग पर बना नया गोरखनाथ ओवरब्रिज पूरी तरह तैयार हो गया है। इस ओवरब्रिज का उद्घाटन 19 दिसंबर को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ करेंगे। देखिए ओवरब्रिज की लेटेस्ट 2 तस्वीरें… यह मार्ग गोरखनाथ मंदिर, सोनौली रोड और नेपाल को जोड़ने वाला बेहद महत्वपूर्ण रास्ता है। यहां हर दिन भारी संख्या में वाहन चलते हैं, जिससे अक्सर जाम की स्थिति बन जाती थी। इसी समस्या को देखते हुए पहले से बने ओवरब्रिज के समानांतर एक नया ओवरब्रिज बनाया गया है। धर्मशाला–गोरखनाथ मंदिर मार्ग पर लखनऊ–गोरखपुर रेलवे लाइन के डोमिनगढ़ और गोरखपुर जंक्शन स्टेशन के बीच क्रॉसिंग संख्या 162ए पर पहले से एक ओवरब्रिज मौजूद है। लेकिन ट्रैफिक का दबाव बढ़ने के कारण उस पर अक्सर भीड़ रहती थी। अब नए ओवरब्रिज के बन जाने से यातायात का दबाव कम होगा। पुल की दीवारों पर गोरखपुर की झलकियां नए पुल की बाहरी दीवारों पर आकर्षक कलाकृतियां बनाई जा रही हैं। इनमें गोरखपुर की संस्कृति और पहचान की झलक दिखाई देगी। यह पेंटिंग गोरखनाथ दिशा से आने वाले लोगों को सबसे पहले नजर आएगी। राहगीरों और स्थानीय लोगों को यह वाल पेंटिंग काफी पसंद आ रही है और पुल देखने में भी खूबसूरत लग रहा है। गोरखनाथ मंदिर मार्ग शहर के सबसे व्यस्त मार्गों में से एक है। नए ओवरब्रिज के शुरू होने के बाद गोरखनाथ मंदिर की ओर जाने वाले वाहन पुराने ओवरब्रिज का उपयोग नहीं करेंगे। आने और जाने के लिए अलग-अलग ओवरब्रिज होने से जाम की समस्या काफी हद तक खत्म हो जाएगी और लोगों को समय की भी बचत होगी। इस नए ओवरब्रिज से शहर के उत्तर-पश्चिमी इलाके में रहने वाले लोगों को भी बड़ी राहत मिलेगी। सोनौली रोड की ओर आने-जाने वाले यात्रियों के लिए सफर अब आसान और सुगम हो जाएगा। इसके अलावा मकर संक्रांति से शुरू होकर एक महीने तक चलने वाले गोरखनाथ मंदिर के प्रसिद्ध खिचड़ी मेले में आने वाले श्रद्धालुओं को भी आने-जाने में काफी सुविधा होगी। इस मेला में हर साल लाखों श्रद्धालु देश-विदेश से आते हैं, उनके लिए भी यह पुल बेहद सुविधाजनक साबित होगा। यह रास्ता सीधे नेपाल जाने वाले रूट से जुड़ता है, इसलिए इस ओवरब्रिज का फायदा यहां से गुजरने वाले हजारों वाहनों को मिलेगा। पुल की लंबाई और लागत गोरखनाथ रोड पर रोजाना हजारों लोग इस मार्ग से गुजरते हैं। भारी ट्रैफिक और संकरी सड़क की वजह से यहां अक्सर जाम लग जाता है। खासकर खिचड़ी मेले के दौरान यह समस्या और बढ़ जाती है। नया ओवरब्रिज बनने के बाद लोगों को बड़ी राहत मिलेगी। पुल की खासियत: व्यू कटर और साउंड बैरियर नए ओवरब्रिज में पहली बार गोरखपुर में खास तरह का व्यू कटर शेड लगाया जा रहा है। इस शेड में छोटे-छोटे होल बनाए गए हैं, जो साउंड बैरियर की तरह काम करेंगे। इससे गाड़ियों की आवाज़ आसपास के घरों तक कम पहुंचेगी और नॉइस पॉल्यूशन भी कम होगा।
यह शेड पास में रहने वाले लोगों की प्राइवेसी भी सुरक्षित रखेगा, ताकि पुल पर चलने वाले लोग उनके घरों या आंगनों में झांक न सकें। अधिकारियों के अनुसार, गोरखपुर में ऐसा शेड पहली बार लगाया जा रहा है। पुल की साइड वाली दीवारों पर वाल पेंटिंग भी चल रहा है। जो लोकल लोग और राहगीरो को खूब भा रहा। दीवारों पर बने चित्र पुल को देखने में भी आकर्षक बना रहे हैं। दैनिक भास्कर के रिपोर्टर ने जब प्रोजेक्ट लीड अरुण कुमार सिंह से इन विशेषताओं के बारे में पूछा तो उन्होंने कहा, “यह नए तरीके का शेड है जो गोरखपुर का पहला होगा। इसमें बनी छेद से पुल पर गाड़ियों का शोर बाहर नहीं जाएगा।” जानिए एक्सटेंशन ज्वाइंट/गैप स्लैब क्यों जरूरी होता है पुल में एक्सटेंशन ज्वाइंट यानी गैप स्लैब एक बेहद अहम हिस्सा होता है। यह ज्वाइंट पुल की ऊपरी सतह को नीचे लगे स्ट्रक्चर से जोड़ता है। मौसम बदलने पर पुल में फैलाव और सिकुड़न होती है। गर्मी में पुल थोड़ा फैलता है, जबकि ठंड में सिकुड़ता है।
इस ज्वाइंट में थोड़ी जगह रहती है, जिससे पुल आसानी से इस बदलते तापमान के हिसाब से एडजस्ट हो जाता है। अगर यह हिस्सा न बनाया जाए तो पुल में दरारें पड़ने या सतह टूटने का खतरा रहता है। कैसे शुरू हुई थी परियोजना मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विकास कार्यों की समीक्षा बैठक के दौरान नए ओवरब्रिज के निर्माण के निर्देश दिए थे। लखनऊ–गोरखपुर रेल मार्ग के डोमिनगढ़ और गोरखपुर जंक्शन के बीच पहले से बना ओवरब्रिज जाम का बड़ा कारण बन चुका था। इसलिए उसी के पास दूसरा आरओबी बनाने का निर्णय लिया गया। इसके बाद उत्तर प्रदेश राज्य सेतु निगम लिमिटेड, गोरखपुर इकाई ने इस परियोजना की डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट (DPR) तैयार की। क्यों जरूरी पड़ा नया ओवरब्रिज गोरखनाथ क्रॉसिंग पर पहला ओवरब्रिज 1980 में बनाया गया था। समय के साथ शहर बढ़ा, सड़कें चौड़ी हुईं और ट्रैफिक कई गुना बढ़ गया।
मोहद्दीपुर से जंगल कौड़िया तक फोर-लेन सड़क बनने के बाद पुराने दो-लेन वाले पुल पर गाड़ियों का दबाव और बढ़ गया। नतीजा—हर समय जाम।
इसी वजह से मुख्यमंत्री ने पुराने पुल के समानांतर एक नया ओवरब्रिज बनाने की मंजूरी दी। क्या मिलेगा फायदा
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