फतेहपुर के खागा में 1857 की क्रांति के महानायक मातादीन की जयंती रविवार को धूमधाम से मनाई गई। यह आयोजन बी.आर. अंबेडकर समिति और अखिल भारतीय सफाई कर्मचारी संघ खागा के तत्वावधान में अंबेडकर पार्क में हुआ। कार्यक्रम की अध्यक्षता राम प्रसाद ने की, जबकि मुख्य अतिथि पूर्व वरिष्ठ लिपिक मिठाई लाल और विशिष्ट अतिथि सैकूराम चौधरी रहे। कार्यक्रम का संचालन ज्ञानेंद्र एडवोकेट ने किया। जयंती के अवसर पर रमेश ने मातादीन को 1857 की क्रांति का जनक बताया, जिन्होंने इस जंग में अग्रणी भूमिका निभाई थी। सामाजिक कार्यकर्ता धीरज कुमार ने बताया कि मातादीन मेरठ छावनी में कार्यरत थे और उन्होंने अंग्रेजों के खिलाफ विद्रोह का बिगुल फूंका, जिसके बाद उन्हें फांसी दे दी गई थी। कार्यक्रम संयोजक दिनेश वाल्मीकि ने इस बात पर जोर दिया कि मातादीन को मंगल पांडे से पहले फांसी दी गई थी, लेकिन उनके इतिहास को छिपाया गया। उन्होंने दावा किया कि प्राथमिक रिपोर्टों में 1857 की क्रांति के जनक के रूप में मातादीन का नाम सबसे पहले आता है। पूर्व प्रधान मनोज कुमार ने भी अपने इतिहास को जानने और मातादीन की जयंती को समाज में व्यापक रूप से मनाने की आवश्यकता पर बल दिया। इस अवसर पर दिनेश कुमार वाल्मीकि (नगर महासचिव, अखिल भारतीय सफाई मजदूर संघ खागा), रमेश, राम प्रसाद, शिव शंकर वाल्मीकि, धीरज कुमार, सैकूराम सोनू, संतोष, सुरेंद्र कुमार, बबलू, ज्ञानेंद्र, संजय, आनंद, साजन, लवकेश, रवि, सागर, मनोज कुमार, माया देवी, सचिन, दिनेश, राकेश, ओमप्रकाश, राजाराम, धन्नू लाल, राम मनोहर, राम लखन उत्तम और विपिन कुमार मनी सहित कई गणमान्य व्यक्ति और सदस्य उपस्थित रहे।
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