गाजीपुर में 13 दिसंबर को आयोजित होने वाली राष्ट्रीय लोक अदालत के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए बुधवार को न्यायालय परिसर से एक विशाल रैली निकाली गई। जनपद न्यायाधीश धर्मेंद्र कुमार पांडेय ने रैली को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। इस लोक अदालत में 1 लाख 50 हजार मामलों के निस्तारण का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। जबकि पिछली बार 1 लाख 22 हजार मामले निपटाए गए थे। इस जागरूकता रैली में बड़ी संख्या में न्यायिक अधिकारी, अधिवक्ता, पैरा लीगल वॉलंटियर्स, बैंककर्मी और आम नागरिक शामिल हुए। रैली का मुख्य उद्देश्य यह संदेश देना था कि लोक अदालत में विवादों का निस्तारण त्वरित, सरल और पूरी तरह नि:शुल्क होता है। अधिकारियों ने बताया कि लोक अदालत में केवल सुलह-समझौते योग्य मामलों का ही निस्तारण किया जाएगा। इसमें जघन्य अपराध (हिनीयस क्राइम) से संबंधित मामले शामिल नहीं होंगे। लोक अदालत द्वारा एक बार निर्णय दिए जाने के बाद किसी भी अन्य अदालत में अपील नहीं की जा सकती। लोक अदालत में उत्तराधिकार प्रमाण पत्र, पारिवारिक वाद, छोटे दाण्डिक वाद, चेक बाउंस (138 एनआई एक्ट) से संबंधित मामले, स्टाम्प वाद, मोटर दुर्घटना दावा वाद, उपभोक्ता फोरम के मामले, बिजली चोरी से संबंधित वाद, श्रम वाद और चकबंदी वाद जैसे विभिन्न प्रकार के मामलों का निस्तारण संभव है। जनपद न्यायाधीश ने सभी वादकारियों से अपील की है कि वे बड़ी संख्या में लोक अदालत में उपस्थित होकर अपने लंबित मामलों का निस्तारण कराएं। उन्होंने इस सरल और सुगम न्यायिक प्रक्रिया का लाभ उठाने का आग्रह किया।
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