बरेली जिला न्यायालय ने 11 साल पुराने एक बहुचर्चित हत्या मामले में बड़ा फैसला सुनाया है। अदालत ने आरोपी चंदन गिरि उर्फ चंद्रपाल कश्यप को दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। मामला ग्राम औरंगाबाद, थाना शाही के रमेशचंद्र दिवाकर से संबंधित है। उन्होंने बताया था कि उनके बड़े भाई बाबूराम दिवाकर (50 वर्ष) अविवाहित थे और गांव की मढ़ी पर रहते थे। 28 जनवरी 2014 को गांव में भंडारे के बाद बाबूराम, चंदन गिरि के साथ चले गए थे। चंदन गिरि पहले ग्राम जाजू नंगला की मढ़ी पर रहता था, लेकिन जमीन विवाद के कारण ग्रामीणों ने उसे वहां से हटा दिया था। इसके बाद बाबूराम को उस मढ़ी पर रहने के लिए रखा गया, जिससे चंदन गिरि उनसे रंजिश रखने लगा था। इसी दुश्मनी के चलते चंदन गिरि ने बाबूराम की गला दबाकर हत्या कर दी। हत्या के बाद शव को मढ़ी के पास बने एक कुएं में फेंक दिया गया था। इस घटना के संबंध में थाना बहेड़ी में मामला दर्ज किया गया था। मामले में कुल 9 गवाहों की गवाही हुई। एडीजे-09 बरेली की अदालत ने 09 दिसंबर को चंदन गिरि उर्फ चंद्रपाल कश्यप को दोषी ठहराया। अदालत ने आरोपी को आजीवन कारावास के साथ 20,000 रुपये का अर्थदंड भी लगाया है। इसके अतिरिक्त, आरोपी को 3 वर्ष के कारावास और 5,000 रुपये के अर्थदंड से भी दंडित किया गया है। यदि आरोपी अर्थदंड का भुगतान नहीं करता है, तो उसे 4 माह का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा। कुल अर्थदंड 25,000 रुपये निर्धारित किया गया है।
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