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10हजार में भतीजे को मर्डर के लिए राजी किया था:पढ़िए हत्यारोपी लक्ष्मी देवी का कबूलनामा, बोली- गोरे लाल से तंग आ चुकी थी

चार साल से चल रहे अवैध संबंधों के बाद बेटी पर एक साल से बुरी नजर रखने से तंग आकर गोरे लाल की हत्या करने वाली लक्ष्मी ने बताया कि वह अकेले गोरे लाल की हत्या नहीं कर सकती थी। इसलिए उसने अपने भतीजे ईशू गौतम के साथ हत्या की साजिश रची। गोरे लाल को ठिकाने लगाने के लिए लक्ष्मी ने ईशू को 10 हजार रुपए देने का भी वादा किया था। इसके लिए लक्ष्मी ने दो हजार रुपए बतौर एडवांस भी ईशू को दिए थे। अब पढ़िए लक्ष्मी का पूरा कबूलनामा… गोरे लाल अक्सर मेरे घर आता जाता था, इस दौरान चार साल पहले मेरे उससे अवैध संबंध हो गए। करीब चार महीने पहले आस–पड़ोस के लोगों ने पति को मेरे और गोरे लाल के बीच अवैध संबंधों की जानकारी दे दी, जिसके बाद एक दिन पति शराब पीकर घर आए और बच्चों के सामने मारपीट करने लगे। इसके बाद मैने गोरे लाल से पूरी तरह दूरी बना ली थी। जिससे वह बौखला गया था, गांव में आने जाने के दौरान वह मुझसे छेड़खानी करने लगा, जिस पर मैने उसे कई बार समझाया था। मैने उससे कहा था कि मेरी पांच बेटियां और एक बेटा है। पति को हमारे बीच की सारी बातें मालूम पड़ गई हैं, मैं अब तुमसे नहीं मिल सकती, लेकिन वह नही माना। कुछ समय पहले की बात है जब वह घर के पिछले रास्ते में मेरे घर दीवार फांद कर आ गया और छेड़खानी करने लगा। जब मैने विरोध किया तो वह मेरी 13 साल की बेटी से नाजायज संबंध बनाने की बात कहने लगा। मना किया तो इकलौते बेटे को मारने की बात कहने लगा। गोरे लाल की बुरी नीयत देख एक साल पहले मैं अपनी बेटी को मायके छोड़ आई, लेकिन गोरे लाल नहीं माना। जिसके बाद से ही मैने उसे मौत के घाट उतारने की ठान ली थी। हत्या करने से 15 दिन पहले मैने अपने भतीजे ईशू को षड़यंत्र में शामिल किया, हत्या करने के एवज में मैने उसे 10 हजार रुपए देने की बात कही। ईशू के राजी होने पर मैने उसे 2 हजार रुपए बतौर एडवांस भी दिए। इसके बाद 31 अक्टूबर की सुबह शादी कराने का झांसा देकर गोरे लाल को लेकर शाह निवादा स्थित अपने मायके के लिए निकली। कानपुर–फर्रूखाबाद रेलवे क्रासिंग के पास मेरा भतीजा पहले से मौजूद था, शाम होने पर गोरे लाल को शराब पिलाई और नशे में होने पर गला दबा कर मार डाला। मामले में चौबेपुर थाना प्रभारी आशीष दुबे ने बताया कि गोरे लाल के गुमशुदा होने के बाद जांच में ग्रामीणों से लक्ष्मी देवी से अवैध संबंध की जानकारी दी थी। गोरे लाल का मोबाइल सर्विलांस में लगाया गया तो लक्ष्मी देवी और गोरे लाल के मोबाइलों की लोकेशन एक पाई गई। हत्या के बाद गोरे लाल का मोबाइल स्विच ऑफ आ रहा था, कुछ समय बाद उसके मोबाइल में एक सिम डाला गया, जो हत्यारोपी भतीजे ईशू का मिला। जिसके बाद उसे गिरफ्तार कर कड़ाई से पूछताछ की तो वह टूट गया और पूरी घटना कबूल कर ली।


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