कानपुर हैलट अस्पताल में जूनियर डॉक्टरों की लापरवाही का एक हैरत अंगेज मामला सामने आया है। जिसमें जिंदा बुजुर्ग को जूनियर डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया, इसके बाद उसके शव का पोस्टमार्टम कराने के लिए पुलिस इंफॉर्मेशन (Pi) भी स्वरूप नगर पुलिस को भेज दी। स्वरूप नगर पुलिस की सूचना पर गोविंद नगर पुलिस हैलट बॉडी को माेर्चुरी में जमा कराने के लिए हैलट पहुंची तो वह जिंदा निकला। जिसके बाद हैलट प्रशासन में हड़कंप मच गया। जूनियर डॉक्टरों की लापरवाही की जानकारी पर प्रमुख अधीक्षक डॉ आरके सिंह मौके पर पहुंचे और लापरवाही बरतने वाले तीन जूनियर डॉक्टरों को कड़ी फटकार लगाई। गोविंद नगर इंस्पेक्टर रिकेश कुमार सिंह ने बताया कि करीब 5 दिन पहले इलाके में एक 60 वर्षीय बुजुर्ग बेहोशी की हालत में मिला था। इलाके में पूछताछ के बाद भी बुजुर्ग की पहचान नहीं हो सकी, जिस पर उन्हें हैलट अस्पताल में भर्ती कराया गया था। प्रमुख अधीक्षक डॉ आरके सिंह ने बताया कि बुजुर्ग को उल्टी, दस्त की बीमारी थी। जिस पर उन्हें वार्ड नंबर 12 के बेड नंबर 43 पर भर्ती कराया गया था। बुजुर्ग की देखरेख में लगे जूनियर डॉक्टरों ने शनिवार को बुजुर्ग को मृत घोषित कर दिया। इसके बाद शव के पोस्टमार्टम के लिए स्वरूप नगर थाने को जानकारी दे दी। जिसके बाद स्वरूप नगर पुलिस ने मामले की जानकारी गोविंद नगर पुलिस को दी। जिस पर पुलिस शव को मोर्चुरी में जमा करवाने के लिए हैलट पहुंची तो बुजुर्ग जिंदा निकला। जिसके बाद अस्पताल में हड़कंप मच गया। जानकारी पर प्रमुख अधीक्षक मौके पर पहुंचे और उन्होंने जूनियर डॉक्टरों को कड़ी फटकार लगाई। प्रमुख अधीक्षक ने बताया कि निश्चित रूप से जूनियर डॉक्टरों की लापरवाही सामने आई, मामले की जानकारी प्राचार्य डॉ संजय काला को दे दी है। जूनियर डॉक्टरों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जा रही है।
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