संतकबीरनगर के मेंहदावल विकासखंड में हैंडपंपों के साथ लगाए जा रहे उर्दू शिलालेखों के मामले में जांच तेज हो गई है। ब्लॉक परिसर में एक इंटेलिजेंस एजेंसी की टीम जांच के लिए पहुंची, जिससे वहां हड़कंप मच गया। टीम ने चार घंटे तक जानकारी जुटाई और कई लोगों से पूछताछ की। विकासखंड के एक दर्जन से अधिक गांवों में पिछले कई वर्षों से उर्दू शिलालेखों वाले हैंडपंप लगाए जा रहे हैं। इन हैंडपंपों को लगाने का काम कथित तौर पर डुमरियागंज की खैर टेक्निकल सोसाइटी द्वारा किया जा रहा है, जिसमें गरीब लोगों को लक्षित किया जा रहा है। जांच एजेंसियां अब खैर टेक्निकल सोसाइटी के फंडिंग स्रोत का पता लगाने में जुटी हैं। वे यह जांच कर रही हैं कि इस कार्य के लिए धन कहां से आ रहा है और क्या इसकी जानकारी प्रदेश या भारत सरकार को है। मामले में कुल चार एजेंसियों के जांच करने की चर्चा है। गोपनीय एजेंसी की टीम ने ब्लॉक परिसर में पहुंचने के बाद सबसे पहले विभिन्न लोगों से अलग-अलग पूछताछ की। टीम ने कुछ कागजातों की जांच भी की और कुछ दस्तावेज अपने साथ ले गई। टीम ने दो घंटे से अधिक समय तक बाहर लोगों से जानकारी ली। इसके बाद टीम खंड विकास अधिकारी (बीडीओ) के कार्यालय पहुंची। वहां लगभग एक घंटे तक बीडीओ से भी पूछताछ की गई और आवश्यक जानकारी जुटाई गई। लगभग तीन बजे के करीब टीम वापस लौट गई। ब्लॉक सूत्रों के अनुसार, टीम में दो से तीन सदस्य थे। खंड विकास अधिकारी राजेश कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि एक विशेष इंटेलिजेंस एजेंसी की टीम आई थी और कुछ जानकारी मांगी गई थी, जो उन्हें उपलब्ध करा दी गई है।
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