गाजियाबाद के साहिबाबाद स्थित डेल्टा कॉलोनी के बृज विहार निवासी हेमंत भारद्वाज ने राष्ट्रपति और देश के मुख्य न्यायाधीश से इच्छामृत्यु की अनुमति मांगी है। उन्होंने यह मांग अपने इलाके में वर्षों से चली आ रही नाले की गंभीर समस्या से परेशान होकर की है। हेमंत भारद्वाज ने आज ठंड के मौसम में नाले के भीतर उतरकर विरोध प्रदर्शन भी किया। उन्होंने बताया कि वे कई वर्षों से नगर निगम, अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों से नाले की सफाई और स्थायी समाधान की मांग कर रहे हैं। हालांकि, उन्हें अब तक केवल आश्वासन ही मिले हैं और कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है। यह नाला लगभग 26 साल पहले केवल बारिश का पानी निकालने के उद्देश्य से बनाया गया था। समय के साथ इसमें साहिबाबाद के औद्योगिक क्षेत्रों और अस्पतालों से निकलने वाला गंदा पानी तथा मेडिकल कचरा डाला जाने लगा। नाले से लगातार तेज बदबू और जहरीली गैसें निकल रही हैं। हेमंत के अनुसार, इन गैसों के कारण इलाके के लोगों को सांस लेने में परेशानी, आंखों में जलन, सिरदर्द और त्वचा संबंधी बीमारियां हो रही हैं। उन्होंने यह भी बताया कि क्षेत्र में अब कैंसर जैसे गंभीर रोगों के मामले भी सामने आने लगे हैं। हेमंत भारद्वाज ने दावा किया कि उनके पास पूरा डेटा मौजूद है, जिसमें यह दर्ज है कि हर सेकंड नाले से कौन-कौन सी जहरीली गैसें निकल रही हैं। इसके बावजूद संबंधित विभागों ने अब तक कोई गंभीर कदम नहीं उठाया है। बारिश के मौसम में स्थिति और खराब हो जाती है, जब नाला ओवरफ्लो होकर घरों में घुस जाता है। ग्राउंड फ्लोर पर रहने वाले परिवार सबसे अधिक प्रभावित होते हैं। पहले नाले की चौड़ाई बढ़ाई गई थी, लेकिन इससे पानी कॉलोनी की ओर लौटने लगा, जिससे समस्या और बढ़ गई। हेमंत भारद्वाज ने बताया कि डेल्टा कॉलोनी और आसपास के इलाकों की लगभग डेढ़ लाख आबादी इस गंभीर समस्या से प्रभावित है। कई बार शिकायतें और गुहार लगाने के बावजूद जब कहीं से कोई सुनवाई नहीं हुई, तो उन्होंने मजबूरी में राष्ट्रपति और मुख्य न्यायाधीश से इच्छामृत्यु की मांग की है, ताकि प्रशासन इस गंभीर समस्या पर ध्यान दे।
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