शाहजहांपुर में सोमवार को एंटी करप्शन टीम ने खंड शिक्षा अधिकारी (बीईओ) और एक सहायक अध्यापक को पांच हजार रुपए की रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया। यह रिश्वत एक प्रधानाध्यापक का एक दिन का कटा हुआ वेतन वापस दिलाने के नाम पर मांगी गई थी। गिरफ्तार किए गए आरोपियों की पहचान खंड शिक्षा अधिकारी सतीश कुमार मिश्र और सहायक अध्यापक सुशील कुमार सिंह के रूप में हुई है। पीड़ित प्रधानाध्यापक डब्ल्यू कुमार मथुरा जिले के राया थाना क्षेत्र के पठान पाड़ा मोहल्ले के निवासी हैं और शाहजहांपुर के कलान विकास खंड स्थित देवहड़ा प्राथमिक विद्यालय में तैनात हैं। प्रधानाध्यापक डब्ल्यू कुमार ने बताया कि उन्होंने अपनी बीमारी के कारण मेडिकल अवकाश लिया था। इसके बाद, उनके पिता काली चरण की तबीयत अचानक खराब हो गई, जिसके चलते उन्हें 12 अक्टूबर को दिल्ली ले जाना पड़ा और वहां भर्ती कराना पड़ा। इसके बावजूद, 12 अगस्त की अनुपस्थिति दिखाकर उनका एक दिन का वेतन काट दिया गया था। डब्ल्यू कुमार के अनुसार, दिल्ली से लौटने पर उन्हें पता चला कि खंड शिक्षा अधिकारी उनके स्कूल का निरीक्षण कर चुके थे। बाद में, कटे हुए वेतन को वापस दिलाने के नाम पर उनसे पांच हजार रुपये की रिश्वत मांगी गई। इसके बाद, डब्ल्यू कुमार ने एंटी करप्शन टीम से संपर्क कर शिकायत दर्ज कराई। डब्ल्यू कुमार ने यह भी बताया कि उन्होंने 12 और 13 अगस्त के लिए अवकाश आवेदन किया था, जिसे अधिकारियों ने अस्वीकार कर दिया था। पीड़ित ने कहा कि, मेरे पिता को लंग्स कैंसर था उनका दिल्ली में डेढ़ साल से इलाज चल रहा था। मैं पिता के सभी कागज बीईओ साहब को दिखा चुके थे। पीड़ित ने कहा कि आजकल किसी के अंदर मानवता नही है, लालच इस कदर भरा हुआ है कि मतलब सही गलत को भी नही देखते हैं।मैं खुद भी बीमार था।
11 अगस्त की रात से ही हमने मेडिकल अप्लाई करने की कोशिश की थी लेकिन पोर्टल काम नही कर रहा था। 12 अगस्त को पिता को दिल्ली लेकर गए थे, वहां उनको भर्ती कर लिया गया। उसी दिन ये खंड शिक्षा अधिकारी मेरे विद्यालय आए और चेक करके चले गए। उस वक्त तो पोर्टल काम नही कर रहा था लेकिन बाद में मेडिकल अप्लाई हो चुका था।हमने मेडिकल अपनी बीमारी के लिए लगाया था लेकिन उस वक्त अचानक पिता की तबियत खराब हो गई थी। वैसे पिता को 15 या 16 अगस्त के आसपास दिल्ली जाना था। लेकिन तबियत खराब होने पर 12 अगस्त को ही उनको भर्ती कराकर हम जब वापस आए तो फिर हमने उनसे मिलने की कोशिश की लेकिन वह हमने नही मिले, फिर अचानक मेरे घर से फोन आया कि पिता की तबियत बहुत खराब है। वह देखना चाहते हैं। तब मैं वापस घर चला गया था। फिर मैने इन लोगों का इंतजार नही किया था। फिर इन लोगों ने 12 अगस्त के दिन की मेरी अनुपस्थिति दिखाकर एक दिन की मेरी सैलरी काट दी थी। जबकि हमने इन लोगों को वाट्सएप पर भी सूचना दे दी थी कि मैं 12 और 13 को मेडिकल पर रहूंगा। तब उन्होंने 12 अगस्त की अनुपस्थिति को उपस्थिति दिखाने और मेडिकल को अपूर्व करने के लिए और जो एक दिन की सैलरी काटी थी उसको वापस कराने के लिए 5 हजार रुपये मांगे थे।
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