सुल्तानपुर के भदैया ब्लॉक में तैनात आशा संगिनी राजमती सिंह ने सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) भदैया के अधीक्षक पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने जिलाधिकारी को पत्र लिखकर बताया कि अधीक्षक उन्हें प्रताड़ित कर रहे हैं और अवकाश नहीं दे रहे हैं। राजमती सिंह जुलाई माह से हृदय रोग से पीड़ित हैं और उनका इलाज केजीएमसी लखनऊ में चल रहा है। राजमती सिंह ने बताया कि सीने में तेज दर्द की शिकायत के बाद उन्होंने सुल्तानपुर मेडिकल कॉलेज में जांच कराई। डॉक्टरों ने ब्लड टेस्ट, ईसीजी और 2D इको के बाद उन्हें लखनऊ रेफर किया था। उन्होंने अपनी बीमारी से संबंधित सभी जांच रिपोर्टें अधीक्षक और एसडीएम को दिखाकर अवकाश के लिए आवेदन किया, लेकिन अधीक्षक ने छुट्टी देने से साफ इनकार कर दिया। बीमार होने पर नहीं मिल रही छुट्टी आशा संगिनी का कहना है कि उनके पुत्र कुलदीप सिंह का तिलक 25 नवंबर को और विवाह 29 नवंबर को था। बीमारी और पारिवारिक कार्यक्रम के कारण उन्होंने बीएलओ ड्यूटी करने में असमर्थता जताई थी, फिर भी उन्हें अवकाश नहीं दिया गया। उनका आरोप है कि एमओआईसी से लेकर एसडीएम तक सभी अधिकारियों से संपर्क करने के बावजूद किसी ने उनकी बात नहीं सुनी। उन्हें यह कहकर लौटा दिया गया कि वे अपना काम ठीक से नहीं कर रही हैं। राजमती सिंह के अनुसार, इसी दौरान अधीक्षक ने उन्हें 23 और 27 नवंबर को नोटिस भेजे। इसके अलावा, सीएमओ कार्यालय की ओर से भी एक पत्र जारी हुआ, जिसमें उन पर बीडीओ से अभद्रता करने का आरोप लगाते हुए स्पष्टीकरण मांगा गया और सेवा समाप्ति का संकेत दिया गया। आशा संगिनी ने इसे मानसिक प्रताड़ना बताया है। राजमती सिंह का कहना है कि अधीक्षक द्वारा पूर्व में किए गए भ्रष्टाचार संबंधी आरोपों का विरोध करने के कारण उन्हें निशाना बनाया जा रहा है। उन्होंने बताया कि स्वास्थ्य समस्या और पुत्र के विवाह के बावजूद उन्होंने बीएलओ का एसआईआर सर्वे, आइडेंटिफिकेशन, रिपोर्टिंग कार्य 100%
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