प्रयागराज में हिस्ट्रीशीटर अफसर अहमद को सड़क घेरकर पांच गोली मारी गई। शूटरों ने दो गोली सिर, दो पेट और एक पैर में मारी। गैंगस्टर हत्याकांड के बाद पुलिस टीमों ने सीसीटीवी खंगाले तो अफसर के पीछे लगे शूटर नजर आए हैं। इतना तो साफ है कि हिस्ट्रीशीटर की हत्या के लिए रेकी और प्लानिंग की गई। हत्या से पहले अफसर के दो सीसीटीवी फुटेज सामने आए हैं। 4 मिनट 26 सेकेंड और 1.7 सेकेंड की इस फुटेज में अफसर अपने दोस्त रिटायर्ड पुलिसकर्मी वसी के साथ नजर आता है। अफसर और उसका दोस्त नहर ददौली पर रुकते हैं। यहां रसगुल्लों की कई दुकानें हैं। नमकीन भी बिकता है। अफसर रसगुल्ला खाता है और घर के लिए पैक कराता है। इसी दुकान के सीसीटीवी फुटेज में संदिग्ध शूटर भी नजर आए हैं। पुलिस ने दो संदिग्धों को निकाला है, जो अफसर का पीछा करते हुए वहां तक पहुंचे थे। एक के कंधे पर बैग है। दोनों संदिग्ध अफसर के पीछे-पीछे वहां तक पहुंचते हैं और हत्या करने के बाद फिर निकल जाते हैं। 2 तस्वीरें देखिए… पत्नी ने दर्ज कराई FIR
शक तो यहां तक है कि अफसर की हत्या उसी दुकान पर होनी थी, लेकिन दुकान पर काफी भीड़, महिलाएं और बच्चों की वजह से शूटरों को इरादा बदलना पड़ा। हालांकि अफसर की पत्नी शकीला बनो की तरफ से की गई एफआईआर ने तस्वीर साफ कर दी है। 6 नामजद और चार अज्ञात पर केस दर्ज कराया गया है। दोस्त से दुश्मन बने थे दोनों गैंगस्टर
अफसर की सनसनीखेज हत्या फिल्मी स्टोरी जैसी है। अपने गैंग में दोस्त को शामिल करना। फिर दोस्ती में दरार के बाद नया गैंग तैयार होना। इसके बाद वर्चस्व की जंग। फिर समझौते की साजिश और दोस्त से दुश्मन बने दूसरे गैंगस्टर को गोलियों से छलनी कर देना। जनवरी 2024 की हत्या का बदला दिसंबर 2025 को लिया। क्योंकि मारे गए गैंगस्टर नसीम की पत्नी के सामने उसके गैंग मेंबरों ने कसम खाई थी कि अफसर को मार कर ही रहेंगे। पहले जानिए कैसे हुई थी दुश्मनी
मूलरुप से प्रतापगढ़ के देल्हूपुर थाना क्षेत्र के जद्दोपुर का रहने वाले अफसर का ससुराल प्रयागराज में है। प्रतापगढ़ में क्राइम करने के बाद अफसर ससुराल मऊआइमा थाना क्षेत्र के मऊआइमा आकर रहने लगा। बीच बाजार दो थप्पड़ मारे थे, यहीं से हो गई दुश्मनी
यहां से उसने गैंग संचालन शुरू किया। गैंग बनाकर वर्चस्व कायम किया। लूट, रंगदारी, जमीन कब्जा आदि में जुट गया। इसी बीच इसकी दोस्ती उसी गांव के रहने वाले नसीम उर्फ बाबा से हुई। नसीब बाबा भी अफसर के गैंग में शामिल हो गया। 12 जनवरी 2024 को दुश्मनी के बीज पड़े। नसीम उर्फ बाबा के करीबी मुश्ताक को अफसर ने बीच बाजार दो थप्पड़ मार दिए। नसीम ने बाद में विरोध किया तो अफसर ने उसे भी धमका दिया। इसके बाद नसीम ने अपना अलग गैंग बना लिया। दोनों गिरोह के बीच वर्चस्व की लड़ाई चलने लगी। कई बार दोनों गिरोह में फायरिंग आदि हुई। 19 जनवरी 2024 को हुई थी हत्या
इसके बाद 19 जनवरी को किसी ने बीच में पड़ दोनों में समझौता कराने की तैयारी की। 19 जनवरी 2024 की रात आठ बजे अफसर और नसीम अपने गैंग मेंबरों के साथ पहुंचे। यहां बात बिगड़ गई और नसीम को गोलियों से छलनी कर दिया गया। नसीम की हत्या के बाद जमकर बवाल हुआ। फायरिंग और आगजनी हुई। इस मामले में अफसर, उसका बेटा रुस्तम, साथी जुनैद आदि जेल गए। इसी हत्या का बदला लेने के लिए नसीम गैंग के मेंबर लगे रहे। अब जानिए क्या था मामला
प्रतापगढ़ जिले के जगदलपुर थाना क्षेत्र के देहलूपुर गांव निवासी अफसर अहमद पुत्र रईसुल जमा हिस्ट्रीशीटर था। इस समय वह प्रयागराज के मारखा मऊ में अपनी ससुराल में रहता था। अफसर के चाचा मो. हद्दीर जद्दोपुर प्रतापगढ़ के रहने वाले हैं। वह कस्टम इंस्पेक्टर रहे हैं। अफसर के पिता रईसुल जमा पुलिस में सिपाही थे। परिवार के अन्य लोग ठेकेदार हैं। अफसर सोरांव से अपने घर मारखा मऊ लौट रहा था। जानकारी के मुताबिक, अफसर आमतौर पर सफारी गाड़ी से चलता था, लेकिन आज वह बाइक से आ रहा था। रात 9 बजे के करीब कंचनपुरा चौराहे से पहले घात लगाए बैठे 2-3 बदमाशों ने उसे रोक लिया। इसके बाद उसके सिर में गोली मार दी। मौके पर ही उसकी मौत हो गई। पुलिस को शक है कि बदमाश कई दिनों से अफसर अहमद की रेकी कर रहे थे। आज जब उन्हें अफसर के बाइक से आने की सूचना कन्फर्म मिली तो मारने के लिए घात लगाकर बैठ गए। आरोपियों की तलाश के लिए टीमें गठित की गई हैं। इलाके में दहशत का माहौल है। 2 तस्वीरें देखिए… बड़े भाई की पुलिस मुठभेड़ हुई थी मौत
अफसर के पिता रईसुल जमा पुलिस विभाग में ड्राइवर थे। 2012 में जगदीशपुर में तैनाती के दौरान एक्सीडेंट में दिव्यांग हो गए थे। रईसुल जमा के चार लड़के थे। नसीम अहमद, अफसर अहमद , इजहार अहमद और जावेद अहमद। नसीम अहमद की 1996 में पुलिस मुठभेड़ में मौत हो गई थी। वह भी शातिर अपराधी था। अफसर पर 18 मुकदमे दर्ज
अफसर अहमद ने अपना खुद का गैंग बनाया था। इसकी गैंग के मेंबर ट्रकों पर फर्जी नेम प्लेट लगाकर माल लोड कर बेचने का काम करते हैं। छिनैती-लूट में भी इसके खिलाफ मुकदमे दर्ज हैं। प्रतापगढ़ और प्रयागराज में इसके खिलाफ 18 मुकदमे दर्ज हैं। दो साल पुराने नसीम हत्याकांड में मुख्य आरोपी था
पुलिस अफसर अहमद की हत्या को दो साल पुराने नसीम हत्याकांड से जोड़कर देख रही है। 9 जनवरी, 2024 को मारखा मऊ निवासी नसीम अहमद और अफसर अहमद के बीच गैंगवार हुआ था। दोनों पक्षों के बीच मारपीट और गोली बारी हुई थी। जिसमें नसीम अहमद की मौत हो गई। पुलिस के अनुसार नसीम और अफसर के बीच क्षेत्र में वर्चस्व को लेकर लंबे समय से तनातनी चल रही थी। नसीम की मौत के बाद उसके गैंग के लोगों ने अफसर को मारने की कसम खाई थी। जमानत पर बाहर आया था अफसर
नसीम अहमद हत्याकांड में अफसर अहमद मुख्य आरोपी था। वह जेल भी गया। अभी कुछ दिन पहले जमानत पर बाहर आया था। पुलिस मान रही है कि उसी हत्याकांड की रंजिश में अफसर अहमद की हत्या को अंजाम दिया गया है। पुलिस ने इस मामले में 19 जनवरी 2024 को मुकदमा संख्या 13/24 दर्ज किया था। तब से अफसर जेल में था। एक और हत्या में था आरोपी
प्रयागराज के लवकुश की हत्या 2007 में की गई थी। जब वह बाजार से अपने घर जा रहे थे, तो पालगढ़ में उन्हें रोक कर गोली मारी गई थी। उसमें अफसर और उसके साथियों के नाम आया था। जेल भी गया था। ये हुए नामजद
अफसर की पत्नी शकीला बानों ने 6 नामजद और दो मोटर साइकिल सवार चार अज्ञात पर मुकदमा दर्ज कराया है। नामजद आरोपियों में आसिफ उर्फ दुर्रानी, वाजिद अली उर्फ बचऊ, मंसूर उर्फ झल्लू, अतीक, गुलफान, अकबर हैं। ———————— ये खबर भी पढ़ें…. एक्सप्रेस-वे पर गाड़ियां अब 60 की स्पीड में चलेंगी:योगी मथुरा हादसे के बाद सख्त; बोले-अफसर फील्ड में उतरें मथुरा हादसे के बाद सीएम योगी एक्शन में हैं। यूपी में एक्सप्रेस-वे पर गाड़ियों की स्पीड लिमिट तय कर दी गई है। अभी तक एक्सप्रेस-वे पर बस और ट्रक ड्राइवरों को अधिकतम 120 किमी प्रति घंटे की स्पीड से चलने की परमिशन थी। अब इसे घटाकर 60 किमी तक कर दी गई है। पढ़ें पूरी खबर…
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