बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा एक कार्यक्रम में मुस्लिम महिला डॉक्टर का कथित तौर पर हिजाब हटाने का मामला गरमा गया है। उत्तर प्रदेश के पीलीभीत स्थित मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ऑफ इंडिया ने इस घटना पर कड़ी नाराजगी जताई है। बोर्ड के प्रदेश अध्यक्ष हाफिज नूर अहमद अजहरी ने बुधवार सुबह एक वीडियो बयान जारी कर मुख्यमंत्री के इस कृत्य की निंदा की और उन्हें पद से हटाने की मांग की। हाफिज नूर अहमद अजहरी ने अपने बयान में कहा कि नियुक्ति पत्र वितरण समारोह जैसे गरिमामय कार्यक्रम में महिला डॉक्टर के धार्मिक परिधान (हिजाब) के साथ ऐसा व्यवहार अशोभनीय और असंवैधानिक है। उन्होंने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री ने अपने हाथों से महिला का हिजाब खींचा, जो उसकी गरिमा और धार्मिक स्वतंत्रता का सीधा अपमान है। अजहरी ने कहा, “मुख्यमंत्री जैसे जिम्मेदार संवैधानिक पद पर बैठे व्यक्ति से संवेदनशीलता और मर्यादा की अपेक्षा की जाती है। नीतीश कुमार का यह व्यवहार लोकतांत्रिक मूल्यों के पूरी तरह खिलाफ है।” मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने इस घटना को मुख्यमंत्री की मानसिक स्थिति से जोड़ते हुए गंभीर चिंता व्यक्त की है। प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि यदि कोई मुख्यमंत्री किसी विशेष धर्म की महिलाओं को सार्वजनिक रूप से अपमानित करता है, तो वह उस पद के योग्य नहीं है। हाफिज नूर अहमद अजहरी ने कड़े शब्दों में कहा कि यदि सत्ता में बैठकर किसी धर्म विशेष को अपमानित करना ही ‘तरक्की’ माना जा रहा है, तो वे ऐसी तरक्की की निंदा करते हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि मुस्लिम समाज ऐसी घटनाओं को बर्दाश्त नहीं करेगा और लोकतांत्रिक तरीके से विरोध जारी रखेगा। इस बयान के बाद क्षेत्र में चर्चाएं तेज हो गई हैं और सोशल मीडिया पर भी इस कथित घटना को लेकर बहस छिड़ गई है। बोर्ड ने सभी लोकतांत्रिक संस्थाओं से महिलाओं के सम्मान और संवैधानिक अधिकारों को सुनिश्चित करने की अपील की है।
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