मुरादाबाद के हिंदू कॉलेज में मंगलवार को शिक्षकों ने रोहिलखण्ड विश्वविद्यालय के खिलाफ प्रदर्शन किया। शिक्षकों का आरोप है कि विश्वविद्यालय ने वर्ष 2022 से अब तक लगभग 50 लाख रुपये का मानदेय रोक रखा है, जिससे उनमें भारी असंतोष है। इस भुगतान में देरी के कारण आगामी परीक्षाओं के संचालन पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं। शिक्षकों ने कॉलेज परिसर में एकजुट होकर धरना दिया और विश्वविद्यालय प्रशासन के प्रति नाराजगी व्यक्त की। उनका कहना है कि छात्रों से फीस अग्रिम रूप से वसूल की जा चुकी है, लेकिन उनकी मेहनत की कमाई पिछले तीन वर्षों (2022 से 2025) से रोकी गई है। धरने पर बैठे शिक्षकों ने बताया कि उन्होंने कई बार भुगतान की मांग की है, लेकिन हर बार विश्वविद्यालय की ओर से केवल “आज या कल में भुगतान कर दिया जाएगा” जैसे आश्वासन ही मिले हैं। शिक्षकों का कहना है कि बार-बार आश्वासन देकर उन्हें भ्रमित किया गया है, लेकिन कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। शिक्षकों ने अपनी पीड़ा व्यक्त करते हुए कहा, “छात्रों से तो फीस पहले ही जमा करा ली जाती है, लेकिन हमारी मेहनत की कमाई चार साल तक रोककर रखना अन्याय है।” उन्होंने यह भी कहा कि वे कॉलेज के पूरे शैक्षणिक कार्य की जिम्मेदारी निभाते हैं, फिर भी विश्वविद्यालय उन्हें सम्मानजनक भुगतान देने में लगातार विफल रहा है। धरना स्थल पर शिक्षकों ने स्पष्ट चेतावनी दी कि यदि तुरंत भुगतान नहीं किया गया, तो आंदोलन तेज किया जाएगा। उन्होंने कहा कि आगामी परीक्षाओं का संचालन करना मुश्किल हो जाएगा, जिसकी पूरी जिम्मेदारी विश्वविद्यालय प्रशासन की होगी। शिक्षकों ने यह भी कहा कि वे बड़े स्तर पर आंदोलन करेंगे और जरूरत पड़ने पर शासन-प्रशासन को भी पत्र भेजेंगे। शिक्षकों का कहना है कि लंबे समय तक बिना भुगतान के भी उन्होंने कॉलेज के हित में काम जारी रखा, लेकिन अब परिस्थितियाँ असहनीय हो चुकी हैं। बार-बार की अनसुनी और उपेक्षा से कर्मचारियों और शिक्षकों में गहरा असंतोष पैदा हो गया है।
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