बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के खिलाफ समाजवादी पार्टी छात्रसभा कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन किया। कार्यकर्ताओं ने मुख्यमंत्री का पुतला फूंकने का प्रयास किया, लेकिन पुलिस ने पुतला छीन लिया। इस दौरान कोतवाली प्रभारी देवेंद्र बिष्ट को एक तहरीर भी दी गई, जिसमें कार्रवाई की मांग की गई है। प्रदर्शनकारियों ने इस घटना को महिला सम्मान और धार्मिक स्वतंत्रता के खिलाफ बताया। उन्होंने कहा कि इस तरह की घटना को किसी भी कीमत पर स्वीकार नहीं किया जा सकता। जिला छात्रसभा अध्यक्ष रविंद्र यादव ने घटना का विवरण देते हुए बताया कि यह मामला 15 दिसंबर 2025 का है। पटना में 685 नवनियुक्त आयुष चिकित्सकों को नियुक्ति पत्र वितरित किए जा रहे थे। इसी कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर आरोप है कि उन्होंने महिला मुस्लिम डॉक्टर नुसरत परवीन का हिजाब कथित रूप से अपने हाथ से खींच लिया। यादव ने कहा कि यह कृत्य न केवल महिला सम्मान को ठेस पहुंचाता है, बल्कि धार्मिक भावनाओं और मुख्यमंत्री पद की गरिमा पर भी सवाल खड़े करता है। रविंद्र यादव ने यह भी आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री द्वारा सार्वजनिक मंच पर इस तरह का व्यवहार पहली बार नहीं किया गया है। उन्होंने कहा कि इस घटना से प्रदेशभर में नाराजगी है और सामाजिक सौहार्द को नुकसान पहुंचा है। प्रदर्शनकारियों ने संवैधानिक पद पर बैठे व्यक्ति से ऐसे आचरण की निंदा की। जिला अध्यक्ष व्यापार सभा गौरव गोयल, जिला अध्यक्ष अल्पसंख्यक सभा आस मोहम्मद, पीयूष वाल्मीकि, आमिर, अब्दुल चौधरी समेत अन्य कार्यकर्ता मौजूद रहे।
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