हाथरस के युवकों से विदेश में नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी के मामले लगातार सामने आ रहे हैं। अब दो भाइयों से लाखों रुपये की ठगी का मामला सामने आया है। सादाबाद के गढ़उमराव निवासी समीर अली और उनके भाई सगीर को अच्छी नौकरी का झांसा देकर म्यांमार ले जाया गया, जहां उनसे जबरन ‘साइबर स्लेवरी’ का काम कराने की कोशिश की गई। जुलाई में नवी मुंबई के प्रमोद कुमार नामक व्यक्ति ने मोबाइल पर संपर्क किया। उसने थाईलैंड (बैंकॉक) में 80 हजार रुपए मासिक वेतन, मुफ्त रहने-खाने और कंपनी वीजा का लालच दिया। आरोपी ने प्रत्येक उम्मीदवार से 1 लाख 20 हजार रुपए की मांग की। समीर ने प्रमोद के खाते में यूपीआई और बैंक ट्रांसफर के माध्यम से कुल 2 लाख 35 हजार रुपये भेज दिए। 31 जुलाई को दोनों मुंबई एयरपोर्ट से बैंकॉक पहुंचे। वहां उन्हें पहले से भेजे गए टिकट, होटल बुकिंग और जॉब ऑफर लेटर दिखाए गए, जिससे उनका विश्वास बना रहा। थाईलैंड पहुंचने के बाद उन्हें एक ड्राइवर ने अलग होटल में छोड़ा और फिर जंगल के रास्तों से कई गाड़ियों में बैठाकर अलग-अलग देशों के युवकों के साथ लंबी दूरी तक ले जाया गया।कई घंटों तक पैदल चलने के बाद उन्हें एक झोपड़ी में बंद रखा गया। रात में नाव से नदी पार कराकर उन्हें म्यांमार के केके पार्क पहुंचा दिया गया। उन पर जबरन ‘साइबर स्लेवरी’ का अवैध काम करने का दबाव बनाया गया। जब दोनों ने इस काम से इनकार किया, तो उनके पासपोर्ट जब्त कर लिए गए।उन्हें कई दिनों तक भूखा रखा। मजबूरी में कुछ समय तक काम करने के बाद, एक दिन कंपनी परिसर में भगदड़ मच गई। इसी दौरान रेस्क्यू टीम मौके पर पहुंची और पुलिस उन्हें म्यांमार के शरणार्थी शिविर में ले आई। किसी तरह उन्होंने अपने पासपोर्ट वापस हासिल किए। शिविर में कुछ दिन रहने के बाद, 18 नवंबर को विमान से उन्हें भारत वापस लाया गया। भारत पहुंचने पर उन्हें विभिन्न सुरक्षा एजेंसियों ने पूछताछ की। दोनों भाई अपने घर पहुंचे। पीड़ित परिवार ने आरोपी एजेंट के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है और प्रशासन से न्याय की गुहार लगाई है।
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