हाथरस में ठगी के शिकार हुए लोगों ने बुधवार को कलेक्ट्रेट पहुंचकर प्रदर्शन किया। उन्होंने मुख्यमंत्री को एक ज्ञापन भी भेजा, जिसमें ‘बड्स एक्ट 2019’ के तहत अपने जमा धन के भुगतान की मांग की गई। ज्ञापन में बताया गया कि भारत में 50 करोड़ से अधिक नागरिक संगठित ठगी का शिकार हुए हैं। प्रवर्तन एजेंसियों ने जब्त कर लिया जिन्होंने अपनी जीवन भर की जमा पूंजी गंवा दी है। विभिन्न ठग कंपनी और सोसायटीज ठगों ने यह रकम ठगी। ठगी गई संपत्ति को प्रवर्तन एजेंसियों ने जब्त कर लिया है। संसद ने ‘अनियमित जमा योजनाएं पाबंदी अधिनियम 2019’ (Buds Act 2019) बनाया है, जिसके तहत ठगी पीड़ितों को 180 दिनों में उनकी जमा राशि का दो से तीन गुना धन वापस करने का प्रावधान है। हालांकि, करोड़ों ठगी पीड़ितों ने अपने जमा धन की वापसी के लिए आवेदन किए हैं, लेकिन सात साल बीत जाने के बावजूद सरकार ने किसी भी आवेदक का भुगतान नहीं किया है। पीड़ितों ने इसे संघ और राज्य सरकारों का ‘क्रूर अन्याय और लापरवाही’ बताया है। साथ ही जनता और कानून के साथ ‘धोखाधड़ी’ भी कहा है। ‘बड्स एक्ट 2019’ के तहत नियुक्त भुगतान अधिकारी भी आवेदकों को भुगतान नहीं कर रहे हैं। ठगी पीड़ितों ने इस संबंध में राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री और मुख्य सचिवों तक से कई बार शिकायत की है, लेकिन किसी का भी जमा धन वापस नहीं किया गया। न्याय पर से भरोसा उठा उनका कहना है कि शासन के इस ‘आपराधिक कृत्य’ से पीड़ितों में तनाव और हताशा बढ़ रही है, जिससे करोड़ों नागरिकों का न्याय पर से भरोसा उठ रहा है। प्रदर्शनकारियों ने संघ और राज्य सरकारों से अनुरोध किया है कि वे अपने न्यायिक अधिकार क्षेत्र में तत्काल ‘बड्स एक्ट 2019’ का अनुपालन सुनिश्चित करें। इसके अतिरिक्त, उन्होंने विभिन्न कंपनियों या सोसाइटियों के लिए बनाए गए ‘अवैध रिफंड पोर्टल और सेवानिवृत्त न्यायाधीश समितियों’ को भंग करके ‘बड्स एक्ट 2019’ के तहत ही सभी ठगी पीड़ितों का भुगतान कराने की अपील की है। इस मौके पर मुख्य रूप से महिपाल सिंह, सूरजपाल राघव, बृजेश कुमार, राजेंद्र सिंह, मंजू शर्मा आदि काफी लोग मौजूद थे।
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