हाथरस में गैर इरादतन हत्या के एक मामले में न्यायालय ने आरोपी दिगंबर को दोषी करार देते हुए 10 साल कैद और 50 हजार रुपए जुर्माने की सजा सुनाई है। यह मामला वर्ष 2012 में हुई एक घटना से संबंधित है। अभियोजन पक्ष के अनुसार, प्रताप सिंह निवासी छैछऊ, थाना इगलास, जिला अलीगढ़ ने कोतवाली हाथरस गेट में रिपोर्ट दर्ज कराई थी। उन्होंने बताया कि वह और उनके चचेरे भाई कुवंरपाल व पूरन सिंह 5 मार्च 2012 को रायवती कोल्ड स्टोरेज, जोगिया, थाना हाथरस गेट पर ट्रैक्टरों से आलू लेकर आए थे। अगले दिन, 6 मार्च 2012 को सुबह 8 बजे, सभी लोग बैठे थे। इसी दौरान उनके गांव के योगेंद्र उर्फ पप्पू, हुकुम सिंह और दिगंबर भी वहां आए। रात में कुंवरपाल और योगेंद्र के बीच किसी बात को लेकर झगड़ा हो गया था। इसी विवाद के चलते 6 मार्च 2012 को योगेंद्र, दिगंबर और हुकुम सिंह ने कुंवरपाल के सिर में ईंट मार दी, जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गए। घायल कुंवरपाल को तत्काल जिला अस्पताल हाथरस ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। पुलिस ने इस मामले में गैर इरादतन हत्या का मुकदमा दर्ज कर शव का पोस्टमार्टम कराया और न्यायालय में आरोप पत्र दाखिल किया। एडीजीसी मुकेश कुमार ने की पैरवी इस मामले की सुनवाई अपर सत्र न्यायाधीश महेंद्र श्रीवास्तव की कोर्ट संख्या प्रथम में हुई। सुनवाई के दौरान, दो अन्य आरोपी योगेंद्र और हुकुम सिंह की मृत्यु हो चुकी थी। न्यायालय ने आरोपी दिगंबर को 10 साल की कैद और 50,000 रुपए के अर्थदंड की सजा सुनाई है। अर्थदंड का भुगतान न करने पर उसे अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा। अभियोजन पक्ष की ओर से एडीजीसी मुकेश कुमार ने पैरवी की।
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