करीब नौ साल पुराने हत्या के मामले में हाईकोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाते हुए आरोपी की सजा में संशोधन किया। कोर्ट ने हत्या की धारा हटाकर गैर इरादतन हत्या में दोषी मानते हुए आरोपी को जेल में बिताई सजा के आधार पर रिहा करने का आदेश दिया। आगरा के थाना सदर बाजार क्षेत्र में वर्ष 2016 में हुए हत्या के मामले में हाईकोर्ट ने आरोपी पवन अग्रवाल को आंशिक राहत दी है। 16 जून 2016 की रात केंट स्टेशन क्षेत्र में नशे को लेकर हुए विवाद में आरिफ की मौत हो गई थी। आरोप था कि नशे के लिए सुलोचन न मिलने पर आरोपी ने बीयर की बोतल तोड़कर आरिफ के पेट में वार किया, जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई। मामले में निचली अदालत के एडीजे नितिन कुमार ठाकुर ने 31 अक्टूबर 2023 को आरोपी को हत्या का दोषी मानते हुए आजीवन कारावास और जुर्माने की सजा सुनाई थी। इस सजा के खिलाफ आरोपी की ओर से हाईकोर्ट में अपील की गई। हाईकोर्ट ने मामले की सुनवाई के बाद माना कि घटना पूर्व नियोजित नहीं थी और न ही आरोपी की हत्या की मंशा थी। दोनों पक्षों के बीच कोई पुरानी दुश्मनी भी सामने नहीं आई। कोर्ट के अनुसार यह घटना अचानक हुए विवाद और नशे की हालत में हुई। इन तथ्यों के आधार पर हाईकोर्ट ने हत्या की सजा को गैर इरादतन हत्या में बदल दिया। कोर्ट ने यह भी ध्यान में रखा कि आरोपी लगभग 8 वर्ष 10 माह जेल में बिता चुका है। इसी अवधि को पर्याप्त मानते हुए हाईकोर्ट ने आरोपी को रिहा करने के आदेश दिए।
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