पश्चिमी उत्तर प्रदेश में हाई कोर्ट बेंच की स्थापना की मांग को लेकर अधिवक्ता आज काम बंद रखेंगे। वे पश्चिम के सभी 22 जनपदों में जिला मुख्यालयों और तहसील बार में सांसदों के आवासों का घेराव कर धरना प्रदर्शन करेंगे। पश्चिम उत्तर प्रदेश हाई कोर्ट बेंच स्थापना केंद्रीय संघर्ष समिति ने यह निर्णय लिया है। समिति ने 26 नवंबर को सांसदों के आवास पर घेराव और धरना प्रदर्शन की घोषणा की थी। इसके अलावा, 17 दिसंबर को पश्चिमी उत्तर प्रदेश में पूर्ण बंद का आह्वान किया गया है। मेरठ बार और जिला बार एसोसिएशन के पदाधिकारियों, पूर्व पदाधिकारियों और वरिष्ठ अधिवक्ताओं ने मेरठ बार कार्यालय के नेताजी सुभाष चंद्र बोस सभागार में एक बैठक की। समिति के चेयरमैन और मेरठ बार के अध्यक्ष संजय शर्मा तथा संघर्ष समिति के संयोजक और मेरठ बार के महामंत्री राजेंद्र सिंह राणा ने बताया कि बुधवार को पश्चिम के सभी 22 जनपदों में जिला मुख्यालय और तहसील बार के सभी अधिवक्ता अपने-अपने जनपदों में सांसदों के आवास पर धरना देंगे और उनका घेराव करेंगे। उन्होंने यह भी बताया कि दोपहर दो बजे तक कचहरी में चैंबर और दुकानें बंद रहेंगी। बार के प्रस्ताव का उल्लंघन करने वाले किसी भी अधिवक्ता के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। मेरठ में, सभी अधिवक्ता बुधवार सुबह 10 बजे मेरठ बार के पंडित नानकचंद सभागार में एकत्र होंगे। यहां से वे बस और निजी वाहनों से धरना स्थलों के लिए रवाना होंगे। सबसे पहले पश्चिमी कचहरी मार्ग स्थित बागपत सांसद राजकुमार सांगवान के आवास पर धरना और घेराव किया जाएगा। इसके बाद मोहनपुरी में राज्यसभा सदस्य लक्ष्मीकांत वाजपेयी और फिर मवाना रोड स्थित डिफेंस कॉलोनी में मेरठ सांसद अरुण गोविल के निवास पर प्रदर्शन होगा। बैठक में जिला बार एसोसिएशन के अध्यक्ष राजीव कुमार त्यागी, महामंत्री अमित राणा, पूर्व अध्यक्ष महेंद्र पाल शर्मा, अजय त्यागी, गजेंद्र सिंह धामा, धीर सिंह, अशोक शर्मा, धीरेंद्र दत्त शर्मा, कुंवरपाल शर्मा और पूर्व महामंत्री अमित दीक्षित सहित कई वरिष्ठ अधिवक्ता मौजूद रहे।
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