संभल में पश्चिमी उत्तर प्रदेश के लिए हाईकोर्ट बेंच की स्थापना की मांग को लेकर अधिवक्ताओं ने विरोध प्रदर्शन किया। इस दौरान अधिवक्ताओं ने एसडीएम रामानुज को एक ज्ञापन भी सौंपा। हालांकि, अधिवक्ताओं द्वारा बुलाए गए बाजार बंद का आह्वान बेअसर रहा। बुधवार को हुए इस विरोध प्रदर्शन को व्यापार मंडल, जिला बार एसोसिएशन, तहसील बार एसोसिएशन, टेक्स्ट बार एसोसिएशन, आजाद समाज पार्टी और बहुजन समाज पार्टी सहित कई अन्य संगठनों का समर्थन मिला। विरोध प्रदर्शन के मद्देनजर संभल की मुंसिफ कोर्ट में स्टांप विक्रेता काम करते रहे, जबकि सुरक्षा व्यवस्था बनाए रखने के लिए जगह-जगह पुलिस बल तैनात किया गया था। संभल बार एसोसिएशन के अध्यक्ष मौ. इस्लाम एडवोकेट ने बताया कि उन्होंने एसडीएम को ज्ञापन सौंपा है। उन्होंने कहा कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश में इलाहाबाद हाईकोर्ट की बेंच की स्थापना की मांग पिछले 40 वर्षों से लंबित है। उनका कहना था कि 22 जिलों के लिए यह मांग आज तक पूरी नहीं हुई है। एडवोकेट इस्लाम ने महाराष्ट्र का उदाहरण देते हुए कहा कि वहां सिर्फ तीन जिलों के लिए हाईकोर्ट बेंच स्थापित की गई है, जिससे पश्चिमी उत्तर प्रदेश के अधिवक्ताओं और जनता में रोष है। उन्होंने आरोप लगाया कि भारत सरकार एक ओर सस्ता और सुलभ न्याय दिलाने की बात करती है, लेकिन पश्चिमी उत्तर प्रदेश में आज तक इलाहाबाद हाईकोर्ट की बेंच स्थापित नहीं हुई है। तहसील बार एसोसिएशन के अध्यक्ष प्रदीप गुप्ता ने बताया कि संघर्ष समिति ने 22 जिलों में विरोध प्रदर्शन का आह्वान किया था। उन्होंने जोर दिया कि उत्तर प्रदेश जैसे बड़े राज्य में हाईकोर्ट की बेंच होनी ही चाहिए। उनके अनुसार, पश्चिमी उत्तर प्रदेश में बेंच स्थापित होने से जनता को सस्ता और सुलभ न्याय मिल सकेगा। टेक्स्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष अकरम एडवोकेट ने भी पश्चिमी उत्तर प्रदेश में इलाहाबाद हाईकोर्ट बेंच की मांग का समर्थन किया। उन्होंने कहा कि इससे जनता को सस्ता और सुलभ न्याय मिल पाएगा। पश्चिमी उत्तर प्रदेश संघर्ष समिति के आह्वान पर सभी अधिवक्ता अपने न्यायिक कार्यों से विरत रहे।
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